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राखी बंधी तो 36 साल बाद खिलखिलाकर हंस उठे गजानंद, अभी भी पाकिस्तानी क्रूरता का खौफ झलकता है चेहरे पर

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जयपुरAug 27, 2018 / 08:51 am

dinesh

gajanand sharma
जयपुर। पाकिस्तान की जेल में 36 साल बंद रहने के बाद वतन लौटे गजानंद शर्मा के चेहरे की मुस्कान रक्षाबंधन पर जैसे लौट आई। ब्रह्मपुरी स्थित घर में परिवार की सभी बहन-बेटियों ने उन्हें राखी बांधी। गजानंद की ब्यावर निवासी बहन कमला (90 ) ने डाक से राखी भिजवाई। भतीजी चन्द्रकांता ने यह राखी बांधी। पहली राखी बंधने पर गजानंद गंभीर हो गए। फिर पोती प्रियंका, निकिता, जानवी व मुस्कान ने राखी बांधी तो वे खिलखिलाकर हंसने लगे। परिजनों ने बताया कि पाक से आने के बाद वह पहली बार इस तरह हंसे हैं। अब तो वे जंतर-मंतर, हवामहल, सिटी पैलेस का भी नाम लेने लगे हैं। हालांकि पाकिस्तान की कालकोठरी में बंद रहने का असर अब भी उन पर देखने को मिल रहा है।
पाकिस्तान की बर्बरता का किया खुलासा
36 साल पाकिस्तान जेल में बंद रहने के बाद जयपुर लौटे गजानंद की मानसिक हालत अभी पूरी तरह से सही नहीं हुई है। घर वालों से वे बीच-बीच में बात करते हैं और पाकिस्तान में उनक साथ हुए बर्ताव की जानकारी देते हैं। गजानंद की पत्नी मखनी और पोती निकिता के अनुसार घर पर आने के बाद जब कमरे में पंखा चलाया तो उसे देख बोले, पाकिस्तान में उनके पैरों में करंट लगाते थे। उनके हाथ की हड्डी तोड़ दी थी। पंजों के पास भी बहुत मारा। वे जल्लाद हैं। उनकी एक एड़ी पर कट का निशान भी है। गजानंद बच्चों से बात करना व अंधेरे में रहना पसंद करते हैं।

गलती से चले गए थे पाकिस्तान
पोती निकिता ने बताया कि दादा गजानंद से पाकिस्तान जाने के बारे में पूछा तो उन्होंने इतना जवाब दिया कि गलती से चला गया था, उसकी सजा भुगत रहा हूं। जेल में कई लोगों को मार दिया, मैं बच गया। अभी तो करीब 500 लोग जेल में और होंगे।

बहुत काम कराते थे, अब तो सोने दो
गजानंद के परिवार वालों ने बताया कि जब उनसे बात करने लगते हैं तो इतना ही कहते हैं कि पाकिस्तान में उनसे बहुत काम कराया है। थक गया हूं, अब तो सोने दो। कई बार पहचान जाते हैं तो कई बार अनजान बन जाते हैं। मखनी ने कहा कि उनके पति ब्यावर में पहलवानी करते थे। दोनों समय दो लीटर दूध पीते थे। कसरत भी करते थे। तभी पाकिस्तान के जुल्म सहकर भी जिंदा रहे और आज उनके बीच में हैं।

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