संजीवनी क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटी को लेकर शेखावत ने कहा कि उन्होंने शुद्ध रूप से व्यापारिक ट्रांजेक्शन किए हैं और आरोपों में कुछ दम नहीं है। न्यायालय पर उन्हें पूरा विश्वास है, एक दिन न्याय जरूर होगा।
शेखावत ने रविवार को अपने आवास पर पत्रिका से हर विषय पर बेबाकी से बातचीत की। उन्होंने वसुंधरा राजे की नाराजगी की बात को खारिज करते हुए उन्हें अनुशासित सिपाही बताया। कहा कि भाजपा में कोई गुटबाजी नहीं है। विधानसभा में यह दिख भी जाएगा।
पत्रिका से बातचीत के प्रमुख अंश-
– सवाल: अभी चल रहा सियासी घटनाक्रम राजस्थान के लिए ठीक है?
– जवाब: नहीं है लेकिन इसके लिए जिम्मेदार कौन है? कांग्रेस के घर का क्लेश जो शपथ लेने से पहले ही उजागर हो चुका था, उसने राजस्थान की जनता को इस अंजाम तक पहुंचा दिया है कि सरकार बाड़े में बंद है, सरकार विधायकों की मिजाज पुर्सी करने में जुटी है। यह स्थिति दुर्भाग्यपूर्ण है।
– सवाल: कांग्रेस सरकार को गिराने की साजिश का आरोप लगा रही है, सचिन पायलट और समर्थक विधायकों को भाजपा ने मेहमान बनाया है?
– जवाब: पायलट घर छोड़ कर गए ही क्यों, कांग्रेस को इसकी समीक्षा करनी चाहिए। आपका पीसीसी का अध्यक्ष.. उप मुख्यमंत्री.. ऐसी परिस्थति क्यों पैदा की गई कि वह अपना घर छोड़कर गए। वह भी इतने वरिष्ठ लोगों के साथ। ऐसे वरिष्ठ लोग तीस-तीस साल से कांग्रेस से जुड़े हुए हैं। वे लोग आज सचिन पायलट के साथ अपना घर छोड़कर बाहर बैठे हैं। आरोप लगाने की बजाय इसकी समीक्षा ज्यादा जरूरी है।
– सवाल: कोई सियासी हलचल होती है तो भाजपा की गुटबाजी भी सामने आ जाती है, ऐसा क्यों?
– जवाब: भाजपा एक विचार पर चलने वाली पार्टी है। कोई गुट नहीं है। विधायक एक साथ थे और रहेंगे। विधानसभा में यह स्पष्ट भी हो जाएगा।
– सवाल: चर्चा है कि पायलट को भाजपा सहयोग कर रही है, खुलकर क्यों सामने नहीं आ रही?
– जवाब: हरियाणा में भाजपा की सरकार है, मात्र इसलिए आरोप लगा देना सही नहीं है। सवाल फिर खड़ा होता है कि पायलट गए ही क्यों?
– सवाल: कथित ऑडियो टेप वायरल हुआ, आप पर संजीवनी सोसायटी को लेकर आरोप लगे, मुख्यमंत्री ने आपसे इस्तीफा मांगा है?
– जवाब: मुख्यमंत्री के घर से एक फेक ऑडियो रिलीज होती है। इस टेप को लेकर महेश जोशी ने शिकायत की। पार्टी के खुद के विधायकों पर आरोप लगा तो एसओजी और पुलिस अधिकारियों ने दबाव में आकर सीधे राजद्रोह की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया। केन्द्र सरकार के केबिनेट मंत्री, प्रदेश के विधायकों के विरुद्ध राजद्रोह की धारा लगाई जाती है और पन्द्रह दिन बाद ब्रह्मज्ञान होता है कि राजद्रोह का मामला बनता ही नहीं है। फिर एफआर भी लग जाती है। मुझे लगता है कि पुलिस सिस्टम को आत्मावलोकन करना चाहिए, पुलिस की प्रतिष्ठा खत्म हो गई है। राजनीतिक दबाव में पुलिस कुछ भी कर सकती है, जो गलत है। जहां तक संजीवनी सोसायटी का प्रश्न है, एसओजी दो बार चार्जशीट फाइल कर चुकी है। एक धारा में जांच चल भी रही है और अचानक एक प्रार्थना पत्र लगा कर न्यायालय से ऑर्डर लिया जाता है, जिसे हाईकोर्ट स्टे कर देता है। इस बीच सीएम गहलोत न्यायिक अधिकारी की तरह मुझे दोषी ठहराकर कह रहे हैं कि इथोपिया में सम्पत्तियां बनाई। मेरा जो संजीवनी के साथ ट्रांजेक्शन है, वह तो इथोपिया में जो काम किया, उसके तीन साल बाद का है। संजीवनी के साथ एक व्यावसायिक ट्रांजेक्शन किया गया है। मैनें फेयरमॉन्ट की तरह काम नहीं किया। सौ रुपए का शेयर 1150 रुपए में खरीदा जाता है और अगले दिन 40 हजार रुपए में मलेशिया की कम्पनी को शेयर दिया जाए और अगले दिन फिर 1150 रुपए में लिया जाए। राजनीतिक हथकंडे अपना कर सीएम कुछ भी कर सकते हैं लेकिन ऐसी हरकतों को जनता देख रही है। न्याय व्यवस्था पर पूरा विश्वास है।
– सवाल: आप आरोप लगा रहे हैं कि जांच एजेंसीज का गलत इस्तेमाल किया गया, इसके लिए किसे दोषी ठहराते हैं?
– जवाब: जिस पार्टी में इस तरह का विरोध हो गया, अध्यक्ष और उसके विधायक राज्य से बाहर बैठे हैं। जैसलमेर में मंत्री की पत्नी तक को होटल में अपने पति से मिलने का इंतजार करना पड़ा है। अपने विधायकों के फोन टेप कर रहे हैं। हर विधायक को कोई ना कोई लालच दिए जा रहे हैं। मात्र कुर्सी बचाने के लिए कुछ भी कर रहे हैं। मुझे लगता है मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को इस्तीफा दे देना चाहिए।
– सवाल: सरकार गिराने को लेकर कांग्रेस प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर आरोप लगा रही है लेकिन भाजपा आलाकमान की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आ रही?
– जवाब: कांग्रेस के डीएनए में ही आरोप लगाने का काम है। उरी, पुलवामा के मामले में भी इसी तरह के आरोप लगाते हैं। रफाल पर भी प्रश्न चिह्न खड़े करते हैं। कांग्रेस के नेताओं को मच्छर भी काटे तो उन्हें लग सकता है कि यह मच्छर अमित शाह ने भेजा है।
– सवाल: पायलट आरोप लगाते हैं कि सीएम गहलोत और वसुंधरा राजे मिले हुए हैं। इस मामले पर पार्टी का कोई स्टेंड नहीं दिख रहा, राजे भी नाराज बताई जा रही हैं?
– जवाब: राजे हमारी वरिष्ठ नेता हैं। उन्होंने खुद लिखा है कि वह पार्टी की अनुशासित कार्यकर्ता हैं। इसके बाद ये विषय बेमानी हो जाते हैं।
– सवाल: आरोप लग रहे हैं कि गहलोत सरकार को इसलिए गिराना है क्योंकि गजेन्द्र सिंह शेखावत को सीएम बनाना है?
– जवाब: यह हास्यास्पद है। मुझे जोधपुर की जनता ने चुनकर भेजा और पीएम ने प्रत्येक घर तक पेयजल पहुंचाने की जिम्मेदारी सौंपी है। हम रोजाना एक लाख कनेक्शन प्रतिदिन दे रहे हैं। मैंने तो राजस्थान को आगे बढ़कर दूसरी किस्त दी, जो पात्र भी नहीं थे लेकिन दुर्भाग्य यह है कि सरकार सिर्फ बीस प्रतिशत पैसा ही खर्च कर पाई है।