राइट टू हैल्थ को साकार करने का प्रयास
उन्होंने बताया कि जनता क्लीनिक सरकार की राइट टू हैल्थ की परिकल्पना को मूर्त रूप देने की दिशा में सरकार की ओर से उठाया जा रहा एक कदम है। इन क्लीनिकों का उद्देश्य शहरी आबादी में स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित आमजन को चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराना है। बैठक में सेवा प्रदाता कंपनियों के प्रतिनिधि और संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
चिकित्सा मंत्री डॉ. शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री की बजट घोषणा में शामिल जनता क्लीनिक शीघ्र प्रारंभ करना विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का सपना है कि राज्य का कोई भी नागरिक चिकित्सा सुविधाओं से वंचित न रहे। विभिन्न विभागों से समन्वय स्थापित करते हुए इनका बेहतर संचालन किया जाएगा।
डॉ. शर्मा ने बताया कि एसएमएस अस्पताल में प्रतिदिन 10 से 12 हजार मरीज ओपीडी में आते हैं। जनता क्लीनिकों के माध्यम से बड़े अस्पतालों में ओपीडी में आने वाले सामान्य बीमारियों के मरीजों की संख्या को कम किया जाएगा। इससे मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध अस्पतालों में मरीज भार कम होने से यहां गंभीर बीमारियों का बेहतर इलाज हो सकेगा।
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि इन क्लीनिकों पर पर्याप्त संख्या में चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ को लगाया जाएगा। यहां दवा वितरण और सैम्पल कलेक्शन का कार्य भी किया जाएगा। बैठक में अन्य प्रदेशों में इस तर्ज पर चले रहे चिकित्सा संस्थाओं से संबंधित प्रस्तुतिकरण देखा।
बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रोहित कुमार सिंह ने अधिकारियों को इस संबंध में आवश्यक तैयारियां करने के निर्देश दिए। इस दौरान अतिरिक्त मिशन निदेशक शंकरलाल कुमावत व संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।