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जयपुर

गंगा का पानी हुआ साफ, जालंधर से दिख रही पहाड़िया

लॉकडाउन का असर: प्रदूषण हो रहा लगातार कमकानपुर से वाराणसी तक साफ हुआ पानीलॉकडाउन से पर्यावरण और वायु की गुणवत्ता में सुधार

जयपुरApr 05, 2020 / 12:46 pm

Sharad Sharma

कोरोना वायरस के प्रकोप से बचने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन चल रहा है। इस लॉकडाउन की वजह से जनजीवन पूरी तरह ठप है। इस बीच कई रिपोर्ट्स आई हैं कि इंसानी गतिविधियां बंद होने के चलते पर्यावरण और वायु की गुणवत्ता में काफी सुधार आया है। इसी तरह वाराणसी और कानपुर जैसे शहरों में गंगा नदी भी काफी स्वच्छ हो गई है। वहीं जालंधर से सूदूर की बर्फीली पहाड़िया दिखने लगी है।
वाराणसी में उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की क्षेत्रीय अधिकारी कालिका सिंह ने कहा कि गंगा नदी की धारा में ऑक्सीजन का स्तर उल्लेखनीय ढंग से बढ़ गया है और पानी की गुणवत्ता बेहतर हुई है, अब यह पानी नहाने के लायक है। सिंह ने बताया कि जबसे तालाबंदी लागू की गई है, वाराणसी में सड़कें पूरी तरह से वीरान हैं क्योंकि लोग घर के अंदर हैं। सड़कों पर सिर्फ वे लोग दिख रहे हैं जिन्हें आवश्यक सेवाओं में लगाया गया है। उन्हीं लोगों के वाहन भी दिख रहे हैं, हवा की गुणवत्ता में भी सुधार हुआ है और वायु गुणवत्ता सूचकांक के अनुसार अब यह संतोषजनक हो गया है।
वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर रहने वालों ने बताया कि तालाबंदी लागू होने के बाद से गंगा काफी साफ हो गई है। यहां सैकड़ों लोग पवित्र डुबकी लगाते थे, यहां कोई भी कचरा डंप नहीं किया जा रहा है। नमामि गंगे मिशन के तहत गंगा में मिलने वाले प्रमुख नालों को भी साफ किया जा रहा है। इस बीच कानपुर में भी गंगा पिछले कुछ दिनों में साफ हो गई है। कानपुर में प्रसिद्ध परमट मंदिर के महंत अजय पुजारी ने बताया कि कानपुर में जल प्रदूषण का प्रमुख कारण जहरीला औद्योगिक कचरा है जिसे नदी में बहाया जाता है। चूंकि तालाबंदी के कारण सभी कारखाने बंद हैं, इसलिए गंगा नदी स्वच्छ हो गई है। पहले मंदिर के पुजारी लोग गंगा में डुबकी लगाने से परहेज करते थे, क्योंकि पानी दूषित होता था। हालांकि पिछले एक सप्ताह से हम नदी में स्नान कर रहे हैं।
मंदिर के पुजारी ने बताया कि सीसामऊ नाला जो लाखों लीटर गंदा पानी नदी में छोड़ता था, पिछले साल नमामि गंगे परियोजना के तहत पूरी तरह से साफ किया गया था। इससे जल प्रदूषण में भी कमी आई है, लेकिन वर्तमान में हम जो सुधार देख सकते हैं वह अभूतपूर्व है। लॉकडाउन ने निश्चित रूप से गंगा नदी के स्वास्थ्य में सुधार किया है जो सरकार की कई परियोजनाएं नहीं कर सकीं।

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