गणगौर बन ईसर को रिझाने के लिए किया सोलह सिंगार
विजयवर्गीय महिला मंडल की ओर से गणगौर उत्सव मनाया
गणगौर बन ईसर को रिझाने के लिए किया सोलह सिंगार
जयपुर. हर दिन खुशी, हर त्यौहार, ये ही है मेरे राजस्थान की पहचान। बस इन्हीं खुशियों की सौगात से भरे त्यौहारों से राजस्थान की संस्कृति की पूरी दुनिया में पहचान है। विजयवर्गीय (वैश्य) महिला मंडल, जयपुर की सभी सदस्यों ने गणगौर बन अपने ईसर को रिझाने के साथ अपने परिवार और समाज की मंगल कामना के लिए जेएलएन मार्ग स्थित एक होटल में गणगौर उत्सव मनाया गया। राजस्थानी संस्कृति की परिचायक राजपूती लहंगा ओढऩी पहने हाथों मे मेहंदी की रंगत , नख से शीश तक सोलह सिंगार से सजी जेगढ़ के साथ गीत गाती हुई दिखीं। गणगौर आस्था प्रेम और पारिवारिक सौहार्द का सबसे बडा उत्सव है। जहां कुंवारी कन्याओं ने गण(शिव) तथा गौर (पार्वती ) के इस पर्व पर मनपसंद वर की कामना की और विवाहिताओं ने वर के दीर्घायु की कामना की। मंडल अध्यक्ष शकुंतला विजयवर्गीय ने बताया कि इस अवसर पर सभी महिला सदस्यों ने मिलकर लोकगीत गाए व लोकगीतों पर शानदार नृत्य किया। ईसर-गणगौर के गीतों के साथ पूजा अर्चना की। कार्यक्रम संयोजिका श्यामा व सरिता रही। उन्होंने गणगौर पर आधारित गेम खिलाए गए। ‘मेरा शृंगार मेरे रिश्तों के नामÓ गेम में एक मिनट में शृंगार पेटी में से एक एक सिंगार का सामान निकाल कर उसे अपने परिवार के रिश्तों के साथ जोड़ कर रिश्तो को श्रृंगारित करना था। जो गणगौर सबसे ज्यादा अपने रिश्तों के नाम लेगी वो विजेता। रिश्तो को श्रृंगार करने में इंदु और कविता विजयवर्गीय विजयी रही। उत्सव में भाग्यशाली गणगौर सपना, राधा व रीतू विजयवर्गीय रहीं।
Home / Jaipur / गणगौर बन ईसर को रिझाने के लिए किया सोलह सिंगार