मामला ज्यादा बढने के बाद अब एटीएस ने इन अफसरों की सुरक्षा के लिए पुलिस मुख्यालय को पत्र लिखा है। पत्र में कुछ पुलिस अफसरों के नाम लिखे गए हैं और उनकी ड्यूटी समय के साथ ही अन्य जानकारियां दी गई हैं। ताकि पुलिस उन्हें सुरक्षा मुहैया करा सके।
बताया जा रहा है कि इस पत्र को पीएचक्यू से गृह विभाग भेजा गया है। पुलिस अफसरो की एक टीम ने 24 जून 2017 को चूरू के मालासार गांव में आनंदपाल का एनकाउंटर किया था। उसके बाद बवाल और आगजनी हुई थी। बताया जा रहा है कि ये धमकियां जेल में बंद आनंदपाल के भाई और अन्य साथियों की ओर से दी जा रही हैं।
एसओजी-एटीएस को मिला सबक, आगे इन निर्देशों का करेंगे पालन आनन्दपाल एनकाउण्टर को लेकर खड़े हुए बखेड़े से एसओजी-एटीएस ने बड़ा सबक लिया है। यह कि अपराधी को पकडऩे के दौरान एनकाउण्टर की नौबत आए तो उस दौरान के घटनाक्रम के साक्ष्य बहुत जरूरी हैं। इसके लिए अब तय किया गया है कि ऐसी टीमें अब मोबाइल फोन की बजाय वायरलैस काम में लेंगी। ताकि साक्ष्य रहें कि घटनाक्रम किस तरह चला।
आनन्दपाल एनकाउण्टर को लेकर राज्य में न सिर्फ सियासत गर्माई बल्कि कई सवाल भी खड़े किए गए थे। कमांडो टीम ने महसूस किया है कि उस दौरान वायरलैस काम में लिया जाता तो कई सवालों के जवाब रिकॉर्ड पर मिल जाते। पूरी बातचीत मोबाइल फोन पर चलने के कारण एसओजी-एटीएस की टीम सीबीआइ व अन्य एजेन्सियों को जवाब के साथ पुख्ता सबूत नहीं दे पाई। हालांकि वायरलैस से सम्पर्क करने की स्थिति में सूचनाएं लीक होने की आशंका रहती है। ऐसे में एटीएस-एसओजी कुख्यात बदमाशों और आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन के दौरान अब तक मोबाइल से मोबाइल पर ही सम्पर्क में रहती आई है। लेकिन अब बातचीत और अधिकारियों के निर्देश ऑन रिकॉर्ड रखने के लिए वायरलैस का उपयोग किया जाएगा।
ऑपरेशन के दौरान अब टीम अपने लीडर से और लीडर स्थानीय पुलिस कन्ट्रोल रूम से वायरलैस सैट के जरिए जुड़ा रहेगा। स्थानीय पुलिस कन्ट्रोल रूम के जरिए जयपुर में एटीएस-एसओजी मुख्यालय के अधिकारी टीम के संपर्क में रहेंगे। एसओजी-एटीएस के अधिकारियों को यह भी महसूस हुआ कि मोबाइल से संपर्क करने पर कई बार नेटवर्क की समस्या आती है। इससे ऑपरेशन में होने वाले विलम्ब का अपराधी को सीधा फायदा मिलता है। कुछ माह पहले आदर्शनगर में विशाल चौधरी को घेरा तब ऐसी ही समस्या आई थी और वह बच निकला था। वायरलैस सैट होता तो नाकाबंदी कराकर उसे पकड़ा जा सकता था।
…इधर, आनंदपाल की बेटी के चुनाव लड़ने की फ़ैल रही खबर
खबर है की आगामी विधानसभा चुनावों में आनंदपाल की बेटी भी चुनाव लड़ सकती है। बताया जा रहा है कि आनंदपाल की बेटी नागौर की डीडवाना विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ सकती है। ऐसे में डीडवाना विधानसभा क्षेत्र से तैयारी कर रही पार्टियों के चुनावी समीकरण बदल सकते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गैंगेस्टर आनंदपाल की बेटी भी विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही हैं। सोशल मीडिया पर ऐसी खबरें जमकर वायरल हो रहीं हैं। साथ ही यह भी खबरें चल रही है कि एक सुरक्षा एजेंसी ने राजस्थान सरकार को भी रिपोर्ट सौंपी है। जिसमे आनंदपाल की बेटी के विधानसभा चुनाव लड़ने के संकेत है। फिलहाल आनंदपाल की बेटी की चुनाव लड़ने की खबरें सोशल मीडिया पर भी छाई हुई हैं लेकिन अभी इसकी कही और से पुष्टि नहीं हुई है।
अगर आनंदपाल की बेटी चुनाव लड़ती है तो बीजेपी के लिए डीडवाना क्षेत्र से चुनाव जितना मुश्किल हो सकता है। साथ ही डीडवाना की विधानसभा सीट में बड़ा बदलाव भी हो सकता है। गौरतलब है कि राजपूत समाज आनंदपाल एनकाउंटर मामले को लेकर बीजेपी से लगातार नाराज़गी बनाए हुए है। साथ ही पद्मावती फिल्म को लेकर भी राजपूत समाज में रोष था। ऐसे में बीजेपी के लिए आनंदपाल की बेटी का डीडवाना विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने किसी चुनौती से कम नहीं होगा।
पहले आनंदपाल की मां की थी चुनाव लडने की खबर कुछ महीनों पहले पहले खबर थी की आनंदपाल की मां नर्मला कंवर चुनाव लड़ सकती हैं। मिली जानकारी के अनुसार आंनदपाल एनकाउंटर को फर्जी बताने वाले ही कुछ संगठन उन्हें चुनाव में उतारने की तैयारी में जुटे थे। लेकिन चुनाव लड़ने की ऐसी कोई सूचना आनंदपाल की मां निर्मल कंवर की तरफ से नहीं आई थी।