एक सप्ताह से पीछे लगी थी पुलिस एडीसीपी विमल नेहरा ने बताया कि गत 12 फरवरी को सिंधी कैम्प से गिरफ्तार इंजीनियर अभिषेक दास व साम्बित से पूछताछ में सामने आया था कि बजरंग उनसे माल लेने वाला था। तभी से उसके गिरोह का पता लगाने में जुटे रहे। जांच में सामने आया कि बजरंग कुछ साल पहले नौकरी की तलाश में जयपुर आया था, रिकवरी का भी काम करने लगा। मादक पदार्थ तस्करों से पहचान होने पर सीधे ओडीशा जाने लगा और वहां से माल मंगवाता था। वहां भी एक बार गिरफ्तार भी हो चुका है।
5000 रुपए मिलता था कमिशन ओडिशा में चल रहे केस के संबंध में बजरंग अपने साथी कुलदीप को लेकर के वहां पर 7 फरवरी को पेशी पर गया था। कुलदीप को तस्करों से मिलवाकर के छोड़ दिया। कुलदीप 12 वीं पास है और सेना में भर्ती की तैयारी कर रहा था। उसे माल लेकर आने के लिए कमिशन के तौर पर 5000 रुपए मिलने वाले थे। जांच में यह भी पता चला है कि बजरंग वीकेआइए एरिया में टैम्पो चलाता है और सीकर रोड के आस-पास के इलाकों में गांजा सप्लाई करता है।
यहां भी की गई कार्रवाई शिवदासपुरा पुलिस ने 10 ग्राम स्मैक के साथ आगरा निवासी दीपक चौधरी उर्फ छल्ला, करौली निवासी भगवान सहाय उर्फ पप्पू कोडिया, निक्की उर्फ नरेन्द्र मीणा व प्रताप नगर निवासी मधु नरूका को गिरफ्तार किया है। इनके पास से करीब 10 ग्राम स्मैक बरामद की है। उधर प्रताप नगर थाना पुलिस ने भी 10 ग्राम स्मैक के साथ सवाईमाधोपुर निवासी रूकम सिंह को गिरफ्तार किया है।
छात्र कर रहे तस्करी एक सप्ताह में पुलिस की कार्रवाई से यह बात सामने आई है कि युवा पीढ़ी न सिर्फ नशा कर रही है, बल्कि तस्करी भी शामिल है। कोई बीटेक का छात्र है तो कोई इंजीनियरिंग कर चुका है। पुलिस ऐसे युवाओं के परिवार वालों से संपर्क करके उन्हें समझा भी रही है।