गरबा के सुर सजने लगे, खनकने लगे डांडिया
तकरीबन डेढ़ साल के अंतराल के बाद शहर में कल्चरल एक्टिविटीज को पंख लगने लगे हैं।
गरबा के सुर सजने लगे, खनकने लगे डांडिया
जयपुर । तकरीबन डेढ़ साल के अंतराल के बाद शहर में कल्चरल एक्टिविटीज को पंख लगने लगे हैं। गुलाबी सर्दी शुरू होने से पहले शहर में गुजराती और राजस्थानी अंचल के गरबे के सुर सजने लगे हैं, वहीं खनखते डांडियों की गूंज सुनाई देने लगी है। ऐसा नजारा चित्रकूट स्थित संगीत आश्रम की शाखा नटराज डांस एकेडमी परिसर में देखने को मिल रहा है जहां एक महीने की गरबा डांस वर्कशॉप में निशुल्क ट्रेनिंग दी जा रही है। नृत्याचार्य सुनीता राज वर्मा के निर्देशन में महिलाएं व युवतियां गरबा स्टेप्स सीख रही हैं ताकि गरबा कॉस्ट्यूम के साथ दहलीज में खड़े गरबा महोत्सव में डांडिया संग थिरक सकें। नृत्याचार्य सुनीता राज वर्मा ने बताया कि खासकर महिलाओं में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। वर्कशॉप के कारण देर से ही सही लेकिन जिन्दगी की रौनक लौटने लगी है। फिलहाल तो 15 से 20 महिलाएं व युवतियां वर्कशॉप में आ रही हैं। वर्कशॉप 7 अक्टूबर तक चलेगी।
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