यही वजह है कि गहलोत कैंप अभी भी पायलट कैंप पर किसी तरह का विश्वास नहीं कर पा रहा है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वरिष्ठ विधायक भंवर लाल शर्मा और तीन निर्दलीय विधायकों को सीएम हाउस बुलाकर उनसे बात कर चुके हैं, लेकिन पायलट कैंप के विधायकों से कोई मुलाकात नहीं कर पाए।
यहीं नहीं, मुख्यमंत्री के करीबी प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे और राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला भी पायलट कैंप के विधायकों से मुलाकात नहीं की, जबकि दोनों ही नेता बुधवार दोपहर जैससमेर से जयपुर पहुंच गए थे । कांग्रेस हलकों में भी इसे लेकर चर्चाओं का दौर तेज है।
वेणुगोपाल को लेकर पार्टी में नाराजगी
गहलोत कैंप से जुड़े नेताओं की माने तो पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री के.सी. वेणुगोपाल को लेकर भी गहलोत कैंप के विधायकों में नाराजगी है। दरअसल पायलट कैंप की वापसी कराने में के.सी. वेणुगोपाल की बड़ी भूमिका है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बाद वे पार्टी में नंबर दो की भूमिका में है।
सूत्रों की माने तो वेणुगोपाल से नाराजगी की बड़ी वजह ये है कि वेणुगोपाल ने कांग्रेस आलाकमान को भेजी अपनी रिपोर्ट में विधायकों के काम नहीं होने और राज्य में नौकरशाही के हावी होने का जिक्र किया था, यहीं नहीं पायलट कैंप से बातचीत का सिलसिला शुरू किए जाने से पहले वेणुगोपाल ने अशोक गहलोत को विश्वास में नहीं लिया था। यही वजह है कि बुधवार रात दिल्ली से जयपुर पहुंचे केसी वेणुगोपाल को रिसीव करने गहलोत कैंप का कोई बड़ा नेता नहीं पहुंचा था।
विधानसभा सत्र के बाद दिल्ली कूच की तैयारी
विश्वस्त सूत्रों की माने तो विधानसभा सत्र के बाद कांग्रेस आलाकमान पर दबाव बनाने के लिए अशोक गहलोत खेमा दिल्ली कूच कर सकता है, जहां वे सोनिया, राहुल के समक्ष अपनी बात रखेंगे।
विधायकों में नाराजगी की एक वजह ये भी
सूत्रों की माने तो गहलोत कैंप के विधायकों के साथ-साथ सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय और बसपा विधायकों में पायलट कैंप की एंट्री से नाराजगी है। दरअसल इन विधायकों को उम्मीद थी कि सरकार का हर तरह से साथ देने का इनाम उन्हें मंत्रिमंडल में जगह के रूप में मिलेगा, लेकिन पायलट कैंप की फिर से एंट्री होने के बाद इसकी संभावनाएं बहुत कम रह गई है। इसके चलते भी इन विधायकों में नाराजगी बढ़ी है।
सत्र से पहले मुलाकात नहीं चाहता गहलोत खेमा
बताया जा रहा है कि गहलोत खेमा विधानसभा सत्र से पहले पायलट खेमे से मुलाकात नहीं चाहता है। यही वजह है कि विधायकों को बसों के जरिए सीधे विधानसभा लाया जाएगा और सत्र की कार्यवाही के बाद वापस बसों के जरिए विधायकों को वापस होटल फेयर माउंट ले जाया जाएगा।