सीएम ने खनन के लिए पर्यावरण स्वीकृतियों में लगने वाली देरी के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया और कहा कि केन्द्रीय खान मंत्रालय पर्यावरण मंत्रालय के साथ समन्वय कर पर्यावरण स्वीकृतियां जल्द दिलाने में सहयोग करे। सीएम ने कहा कि प्रदेश में खनिज संपदा के विपुल भंडार मौजूद हैं। इनका वैज्ञानिक और पर्यावरण अनुकूल तरीके से समुचित दोहन देश और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
खनन पट्टे जारी जल्द जारी हों
सीएम गहलोत ने कहा कि खनिज ब्लॉक्स की नीलामी के बाद खनन पट्टा जारी करने की कार्रवाई जल्द की जाए। इससे खनिज विकास के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी सुलभ हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया और मिनरल एक्सप्लोरेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड की ओर से जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने से पहले इस बात का परीक्षण कर लिया जाए कि संबंधित खनिज ब्लॉक व्यावसायिक दृष्टि से खनन के लिए उपयुक्त है या नहीं।
रॉयल्टी के संशोधन प्रस्तावों पर जल्द हो फैसला
गहलोत ने वीसी के जरिए केंद्रीय खान मंत्री जोशी के समक्ष कहा कि प्रधान खनिजों से राजस्थान को करीब 70 प्रतिशत रॉयल्टी मिलती है। इनकी रॉयल्टी दरों में केन्द्र सरकार ने पिछले 3 साल से भी ज्यादा समय से कोई संशोधन नहीं किया है। राज्य सरकार की ओर से रॉयल्टी की दरों में संशोधन के लिए भेजे गए प्रस्तावों पर शीघ्र निर्णय लिया जाए ताकि कोविड के इस चुनौतीपूर्ण दौर में प्रदेश सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी हो सके, जिससे विकास कार्यों को गति मिल सके।
खनन मुद्दों के जल्द समाधान का आश्वासन
केन्द्रीय खान मंत्री प्रहलाद जोशी ने वीसी के जरिए प्रदेश के खनन मुद्दों के जल्द समाधान का आश्वासन देते हुए कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार के सकारात्मक सहयोग से देशभर में खनन गतिविधियों को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने आश्वस्त किया कि केन्द्रीय खान मंत्रालय राजस्थान से जुड़े खनन मुद्दों पर जल्द कार्रवाई करेगा। राजस्थान में खनिज जांच को गति देने के लिए एनएमईटी की फंडिंग को बढ़ाया जाएगा।