राजस्थान का पहला 70 एमएम प्रोजेक्शन और बेहतर साउंड क्वालिटी वाला सिंगल स्क्रीन जैम सिनेमा 2005 में बंद कर दिया गया था। एक जमाने में इसकी 90×40 फीट की बिना पिलर की बालकनी लोगों के लिए कौतुहल का विषय थी। इस सिनेमा हॉल को सुधीर कासलीवाल फिर से जिफ के लिए खोलने जा रहे हैं। ऐसे में इस बार दर्शकों को सिंगल स्क्रीन के बड़े पर्दे पर फिल्म देखने का अलग ही मजा आएगा।
सुधीर कासलीवाल के मुताबिक, पर्दे का उठना और पर्दे का गिरने वाला जमाना फिर से साकार होगा। कलरफुल लाइट्स की जगमग फिर से देखने को मिलेगी। जैम सिनेमा 4 जुलाई 1964 को धर्मेन्द्र और माला सिन्हा की फिल्म ‘पूजा के फूल’ के साथ शुरू हुआ था। इसका डिजाइन लेआउट पी. के. लोरिया ने तैयार किया था और लक्ष्मी कुमार कासलीवाल ने बनवाया था।
फेस्ट में 232 फिल्मों की स्क्रीनिंग होगी। इसके साथ ही 20 से ज्यादा वर्कशॉप, सेमिनार्स, चर्चा, मास्टर क्लासेज, पोस्टर एग्जीबिशन, फिल्म मार्केट जैसी गतिविधिया होंगी। फेस्ट में को-प्रोडक्शन मीट का आयोजन 20 जनवरी को जेम में शाम 5:30 बजे से होगा। जिफ के फाउंडर हनु रोज ने बताया कि फिल्मों की स्क्रीनिंग जेम और गोलछा में रोजाना सुबह 10, दोपहर 12:30, 3:30 और शाम 6:30 बजे शुरू होगी। जिफ आयोजन समिति सदस्य नंदकिशोर झालानी ने बताया कि जिफ के लिए सात वेन्यू बनाए गए हैं।