पूर्व मंत्री घनश्याम तिवाड़ी ( Ghanshyam Tiwari ) ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजन्म आवास और करोड़ों रुपए की सुविधा वाले राजस्थान मंत्री वेतन संशोधन कानून ( Rajasthan Ministers Salaries (Amendment) Act ) को हाईकोर्ट ( High Court ) की ओर से असंवैधानिक करार देने संबंधी फैसले का स्वागत किया है।
उन्होंने कहा कि आखिर आज सत्य की जीत हुई। षड्यंत्रपूर्वक मंत्री संशोधन विधेयक के नाम से लाए गए इस कानून का मैंने विधानसभा ( Rajasthan Vidhan Sabha ) में भी विरोध करते हुए कहा था कि यह जागीरदारी प्रथा और प्रीविपर्स की पुनर्स्थापना है। इसके बावजूद भी यह कानून सदन में पारित कराया गया।
तिवाड़ी ने कहा कि जनधन को बचाने के लिए कार्यकर्ताओं के साथ सड़क पर उतरकर न केवल एकात्म सत्याग्रह आंदोलन किया, बल्कि अपने राजनीतिक करियर को भी दांव पर लगा दिया। हाईकोर्ट के आदेश से सत्य की रक्षा हुई है।
तिवाड़ी ने कहा कि यहां मैं यह भी याद दिलाना चाहता हूं कि पिछली सरकार में लाए गए ‘काला कानून’ का भी मैंने सदन में विरोध किया था और बाद में व्यापक जन विरोध के कारण यह कानून भी तत्कालीन सरकार को वापस लेना पड़ा था। आखिर में तिवाड़ी ने अपने इस संघर्ष में सहयोग करने वाले सभी व्यक्तियों के प्रति आभार जताया है।
ये था प्रावधान
गौरतलब है कि इस कानून के प्रावधानों के जरिए जनप्रतिनिधि को आजीवन बंगले के साथ परिवार के लिए चालक सहित कार, टेलीफोन और दस कर्मचारियों का स्टाफ उपलब्ध कराया जा रहा था।
गौरतलब है कि इस कानून के प्रावधानों के जरिए जनप्रतिनिधि को आजीवन बंगले के साथ परिवार के लिए चालक सहित कार, टेलीफोन और दस कर्मचारियों का स्टाफ उपलब्ध कराया जा रहा था।