धन व बाहुबल हावी गोष्ठी की अध्यक्षता चक्रकीर्ति सामवेदी ने की। कार्यक्रम में सामवेदी ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर की राजनीति हो या निकाय स्तर की, हर जगह धनबल और बाहुबल बहुत हावी हो चुका है। जिन्हें जनता से कोई मतलब नहीं, वे ही संसद और विधानसभाओं में पहुंच रहे हैं। इन स्थितियों को बदलने की जरूरत है। बदलाव की शुरुआत पत्रिका ने अपने अभियान से की है। समाज के प्रबुद्धजनों को ही इस अभियान को जन-जन तक पहुंचाना होगा।
गोष्ठी में ये हुए शामिल साहित्यकार नरेंद्र शर्मा कुसुम, वैदिक इंस्टीयूट्स के निदेशक घनश्यामधर त्रिपाठी, सर्वोदय के सवाई सिंह, पूर्व आईएएस सत्यनारायण सिंह, आर्य समाज के मंत्री चक्रकीर्ति सामवेदी, सांझी विरासत मंच के राष्ट्रीय संयोजक चौधरी अकबर कासमी, सामाजिक कार्यकर्ता राजेंद्र कुम्बज सहित अन्य प्रबुद्धजनों ने भाग लिया।
आएगी बदलाव की बयार वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान में व्यक्ति को नहीं बल्कि दलों को वोट दिए जा रहे हैं। अब बदलाव की बयार में व्यक्ति को वोट देंगे। हर मोहल्ले में पांच-पांच लोगों की समिति बनाकर वोलेंटियर के रूप में काम करने का सुझाव भी दिया गया।
ये बोले प्रबुद्धजन सवाई सिंह ने कहा की दलों से बाहर जब राजनीति आएगी, तभी बदलाव आ पाएगा। एक दल से निराश होकर हम दूसरे से आशा लगा बैठते हैं। मगर स्थितियां कभी नहीं बदलती। अब जनता की बारी है। दल राजनीति के बजाय जन राजनीति होनी चाहिए।
सांझी विरासत मंच के राष्ट्रीय संयोजक चौधरी अकबर कासमी ने कहा की जिसने एक जाति, एक धर्म का दल बनाया, वह नाकाम हो गया। जिसमें मानवता व देश की बात की, वह आगे बढ़ा। भारत युवाओं का देश है। युवा बहुत जागरूक भी हैं। वह बदलाव चाहते हैं। हमें उनके लिए एक नया मंच देना होगा। जिससे वे लोग लोकतंत्र को मजबूत कर पाए।
सामाजिक कार्यकर्ता राजेंद्र कुम्बज ने कहा की देश में हालात बेहद खराब है। किसान-मजदूर मर रहे हैं। महिला-बच्चियां दुष्कर्म का शिकार हो रही हैं। राजनीति में बदलाव के लिए पत्रिका ने जो अभियान शुरू किया है, उसे हम आगे बढ़ाएंगे। शहर में दो-तीन विधानसभा क्षेत्र का चुनाव करेंगे। उनमें हर घर को अभियान से जोड़ेंगे।
पूर्व आईएएस सत्यनारायण सिंह ने कहा की ईमानदारी, प्रबुद्धता को वोट मिलने चाहिए, न कि धनबल व बाहुबल को। वोट उसको दो, जिसका व्यक्तिव अच्छा हो। वर्तमान में एक अलग ही तरह की राजनीति चल रही है। बहुमत किसी और का है और मुख्यमंत्री कोई और बन रहा है। राजनीति में अच्छे लोग होंगे, तभी देश में स्थितियां बदलेंगी।
इन्होंने भी दिए सुझाव ऊषा नांगिया ने कहा की हर मोहल्ले में पांच सदस्यीय कमेटी बनाई जाएं। जो कि घर-घर जाकर कम से कम एक सदस्य को अभियान से जोड़े। पत्रिका के अभियान को हम लोग मिलकर आगे ले जाएंगे।
नीलम क्रांति ने कहा राजनीति को स्वच्छ करने के लिए पत्रिका ने जो महाभियान शुरू किया है, वह प्रशंसनीय हैं। देश में राजनीति के शुद्धिकरण की अति आवश्यकता है। नरेंद्र कुसुम का कहा है की घोषणओं के इतर हकीकत में यदि विकास करना है तो राजनीति में बदलाव लाना ही होगा। पत्रिका इस अभियान में अच्छी भूमिका निभा रहा है।