कई वस्तुओं पर जीएसटी समाप्त कर या दरों में कमी कर आम उपभोक्ता के घर तक पैठ बनाने की प्रक्रिया में जीएसटी कौंसिल ने गीयर लगा दिया है। जीएसटी को लेकर कारोबारियों की लम्बी समय से चली आ रही मांगों को पूरा कर वोटों में सेंध लगाने की कोशिश में है भाजपा। पूजा के लिए मार्बल मूर्ति, राखी व सेनेटरी नेपकिन सहित कई वस्तुओं को जीएसटी के दायरे से बाहर कर दिया है, वहीं प्रदेश की परम्परागत जयपुरी रजाई को लेकर भ्रांतियों को दूर कर दिया है और कोटा स्टोन पर अब जीएसटी 5 प्रतिशत लिया जाएगा। कौंसिल की यह 28 वीं बैठक थी। बैठक में न केवल लम्बे समय से चली आ रही प्रदेश के कारोबारियों की मांग पूरी हो गई, बल्कि कई वस्तुओं पर जीएसटी समाप्त कर या दरों में कमी कर आम उपभोक्ता के घर तक पैठ बनाने का प्रयास किया है। कौंसिल ने कानूनी प्रक्रिया में भी राहत की सहमति दी, इसके लिए मौजूदा संसद सत्र में संशोधन विधेयक लाया जाएगा।
सीएम ने जताया आभार
मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने प्रदेश की मार्बल एवं स्टोन निर्मित भगवान की मूर्तियों, सेनेटरी नेपकिन एवं राखी को जीएसटी से मुक्त करने के केन्द्र सरकार के फैसले पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताया है।
आम आदमी के लिए राहतभरा कदम मार्बल सहित सभी प्रकार के पत्थर से निर्मित भगवान की मूर्ति जीएसटी मुक्त – कोटा स्टोन पर जीएसटी पांच प्रतिशत, मिरर पॉलिश्ड कोटा स्टोन को इससे अलग किया – भीलवाड़ा के वस्त्र उद्योग को आइटीसी का लाभ मिलने से सस्ता होगा कपड़ा – पत्थर पर चित्रकारी पर अब 18 के बजाय 12 प्रतिशत जीएसटी – सेनेटरी नेपकिन जीएसटी मुक्त – एक हजार रुपए तक के जूते-चप्पल अब 5 प्रतिशत जीएसटी के दायरे में – हस्तनिर्मित कारपेट पर 12 के बजाय 5 प्रतिशत जीएसटी – रॉयल्टी कलेक्शन पर जीएसटी नहीं – जयपुरी रजाई को लेकर स्पष्ट किया कि मखमल वाली रजाई भी आम रजाई के समान – राखी पर जीएसटी समाप्त – पेंट-वार्निस, 68 सेमी तक के टीवी, मिक्सर, ज्यूसर, ग्राइंडर, वेक्यूम क्लीनर,गीजर, रेफ्रिजरेटर, इस्त्री (प्रेस), वाशिंग मशीन, वीडियो गेम पर जीएसटी घटाकर 18 प्रतिशत – ट्रक, ट्रेलर व सेमी ट्रेलर पर भी अब 18 प्रतिशत जीएसटी कारोबारियों को भी दिया फायदा – 5 करोड़ रुपए टर्नओवर तक मासिक के बजाय तिमाही रिटर्न, छोटे कारोबारियों को राहत – कंपोजिशन डीलरों को राहत के लिए संसद के मानसून सत्र में ही संशोधन विधेयक – डम्पर, जेसीबी आदि वाहनों को आइटीसी का लाभ, इससे खनन व निर्माण क्षेत्र को फायदा – खाद्य पदार्थ, बेवरेजेज, केटरिंग, स्वास्थ्य बीमा सेवा, वाहन किराए पर भी आइटीसी – अब होटल के वास्तविक बिल पर ही कर, इससे पर्यटन व्यवसाय को राहत