केन्द्रीय मंत्री गडकरी की ओर से जारी वीडियो में इस एक्सप्रेस वे पर एंट्री के समय कोई टोल नहीं लिया जाएगा। एंट्री पॉइंट पर लगे टोल प्लाजा पर गाड़ी के नम्बर दर्ज हो जाएंग। टोल की कटौती एक्सप्रेस वे से उतरते समय होगा। इस एक्सप्रेस वे पर जितनी गाड़ी चलेगी, उसी दूरी के हिसाब से टोल की कटौती होगी।
वीडियो में अन्य एक्सप्रेस वे से इस एक्सप्रेस वे के खर्च की तुलना भी की गई है । जिसमें बताया गया है कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर दो रुपए 45 पैसे प्रति किलोमीटर के हिसाब से टोल वसूला गया है, जबकि इस एक्सप्रेस वे पर चलने का खर्चा 65 पैसे प्रति किमी होगा (इसमें डीजल, पेट्रोल और गाड़ी का खर्चा नहीं जुड़ा है)। दिल्ली से मुम्बई तक इस एक्सप्रेस वे का काम इस साल पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा खर्च
इस एक्सप्रेस वे को बनाने में सबसे ज्यादा पैसा राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र में खर्च किया जाएगा। दिल्ली में इस एक्सप्रेस वे का 9 किलोमीटर हिस्सा है, जिस पर 1800 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। हरियाणा में 160 किमी हिस्से पर 10 हजार 400 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। राजस्थान में एक्सप्रेस वे की लम्बाई 374 किमी है, जिस पर 16 हजार 600 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसी तरह मध्यप्रदेश में 245 किमी हिस्से पर 11 हजार 100 करोड़ रुपए, गुजरात में 423 किमी हिस्से पर 35 हजार 100 करोड़ रुपए, महाराष्ट्र में 171 किमी हिस्से पर 23 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
गडकरी ने कहा 12 फरवरी को सोहना-दौसा खंड का उद्घाटन
केन्द्रीय मंत्री गडकरी ने सोमवार शाम अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर एक जानकारी साझा की। जिसमें कहा गया कि 12 फरवरी को दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस वे के सोहना-दौसा खंड का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे। इसके बाद जयपुर से दिल्ली के बीच की दूरी दो घंटे रह जाएगी।
एक्सप्रेस वे की कुछ विशेषताएं