यह भी पढें : फूल बेच बांट रही थीं दूसरों को खुशियां, ले गया कोई बालिका को देश में लंबे समय से हज पर सब्सिडी समाप्त करने को लेकर बहस चल रही थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार को 2022 तक इसे धीरे-धीरे समाप्त करने के आदेश दे रखे थे। इसी बीच केन्द्रीय हज कमेटी ने 2018 हज से सब्सिडी को समाप्त करने की घोषणा कर दी। इसके चलते हज पर अब करीब 2.40 लाख रुपए तक खर्च करने पड़ेंगे। वहीं सरकार अब तक हज के लिए सीधे ही एयर इंडिया को हवाई जहाजों का टेंडर देती रही है। इससे हज यात्रियों को मजबूरी में रिटर्न टिकट के रुपए भी देने पड़ते रहे हैं। ऐसे में राजस्थान हज कमेटी ने हवाई जहाजों को किराए पर लेने के लिए ग्लोबल टेंडर करने की मांग उठा दी है। ऐसा होने से अन्तरराष्ट्रीय हवाई सेवा देने वाली कंपनियां टेंडर में भाग लेंगी। प्रतियोगी माहौल होने से हज यात्रियों को लाभ मिलने की संभावना जताई जा रही है।
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हज सब्सिडी खत्म करने का निर्णय स्वागत योग्य है। इस्लाम के उलेमा इकराम भी कहते रहे हैं कि हज खुद के कमाए रुपए से करना चाहिए। इसमें किसी तरह की सरकारी मदद सही नहीं है। हमने सरकार से मांग की है कि अब हवाई जहाजों के लिए ग्लोबल टेंडर किए जाने चाहिए। इससे हाजियों को हवाई किराए में काफी लाभ हो सकता है।
हज सब्सिडी खत्म करने का निर्णय स्वागत योग्य है। इस्लाम के उलेमा इकराम भी कहते रहे हैं कि हज खुद के कमाए रुपए से करना चाहिए। इसमें किसी तरह की सरकारी मदद सही नहीं है। हमने सरकार से मांग की है कि अब हवाई जहाजों के लिए ग्लोबल टेंडर किए जाने चाहिए। इससे हाजियों को हवाई किराए में काफी लाभ हो सकता है।
अमीन पठान, अध्यक्ष, राजस्थान हज कमेटी