सराफ ने बताया कि प्रदेश में दिसंबर 2018 से अगस्त 2020 तक भारतीय दण्ड संहिता के कुल 435000 मामले दर्ज हुऐ, जो प्रदेश में अपराध भयावहता की स्थिति को दर्शाता है। दलितों के विरुद्ध मामलों में जबरदस्त वृद्धि देखी जा रही है। महिलाओं के प्रति अपराध में राजस्थान देश में दूसरे स्थान पर है, जो सरकार की जवाबदेही प्रशासन की पोल खोल रहा है और सरकार मे उंचे पदों पर बैठे नेता हाथरस की घटना को लेकर झूंठे धरने प्रदर्शन कर जनता का ध्यान भटकाने में लगे हुए हैं।
सराफ ने कहा कि दुष्कर्म और बलात्कार की घटनाओं में राजस्थान का अव्वल स्थान पर आना खेदजनक और दुर्भाग्यपूर्ण है। बलात्कार की घटनाओं के बाद थानों में देर से सुनवाई होना, अपराधियों का खुलेआम घूमना और गृह विभाग की ओर से समीक्षा नहीं किया जाना ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार ने जनता को भगवान भरोसे छोड़ दिया है।