प्रदेश के करीब दो दर्जन जिलों में अभी तक जहां औसत से कम बारिश दर्ज की गई। वहीं आधा दर्जन जिलों को अभी तक भी बारिश का इंतजार है। ऐसे में अब बारिश का ना होना बीसलपुर बांध (
Bisalpur dam )के लिए बड़ी मुसीबत बन सकती हैं। मानसून ( Mansoon ) की बेरुखी के बीच राज्य में बढ़ती पेयजल किल्लत ने सरकार की भी चिंता बढ़ा दी है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को इसे लेकर जलदाय विभाग के अधिकारियों से जानकारी ली। इसमें पेयजल की मौजूदा स्थिति और बारिश कम होने की स्थिति में वैकल्पिक इंतजाम शामिल हैं। इसमें जयपुर, अजमेर, टोंक के लिए अलावा पश्चिम राजस्थान पर भी फोकस रहा। जयपुर के लिए बीसलपुर बांध ( Bisalpur dam ) में 31 अगस्त तक का पानी होने की जानकारी दी गई। वैकल्पिक इंतजाम के तहत 120 करोड़ रुपए का कंटीजेंसी प्लान बनाया गया है। इसमें नए ट्यूबवैल खुदाई के साथ पाइपलाइन ट्रांसफर सिस्टम व टैंकर ट्रांसपोर्टेशन शामिल है।
यहां पहुंचेगा पानी
एसएफएस मानसरोवर से दुर्गापुरा-मालवीय नगर सेक्टर 9-मालवीय नगर सेक्टर चार, तिलक नगर से जवाहर नगर सेक्टर 3 व 4 खातीपुरा से हसनपुरा शांतिनगर-सिविललाइंस-गोपालबाड़ी, विश्वकर्मा औद्योगिक क्षेत्र से मुरलीपुरा पेयजल किल्लत से जूझ रहे लोग
गौरतलब है कि प्रदेश में पानी की किल्लत को लेकर आए दिन आंदोलन हो रहे हैं। पानी की मांग को लेकर लोग सड़क पर उतर रहे हैंं। विपक्षी पार्टियां भी इसको लेकर प्रदर्शन कर चुकी हैं। प्रदेश में पहले से ही पेयजल किल्लत के भयावह हालात हैं। ऐसे में मानसून ( Mansoon ) की बेरुखी से और भी हालात खराब हो सकते हैं।