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राजस्थान में दिवाली पर जमकर होंगे धमाके, पटाखा बेचने व चलाने की अनुमति

राज्य सरकार ने राजस्थान में पटाखे बेचने और चलाने की अनुमति दी है। अब दिवाली, गुरुपर्व, छठ पर्व, क्रिस्मस और न्यू ईयर पर जमकर आतिशबाजी की जा सकेगी।

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जयपुर। राज्य सरकार ने राजस्थान में पटाखे बेचने और चलाने की अनुमति दी है। अब दिवाली, गुरुपर्व, छठ पर्व, क्रिस्मस और न्यू ईयर पर जमकर आतिशबाजी की जा सकेगी। सरकार ने केवल ग्रीन पटाखे चलाने की अनुमित दी है। जिस शहर में एयर क्वालिटी इंडेक्स POOR या उससे खराब है वहां उस दिन आतिशबाजी चलाने पर रोक रहेगी। सरकार ने एक अक्टूबर 2021 से 31 जनवरी, 2022 तक राजस्थान में सभी प्रकार की आतिशबाजी बेचने व चलाने पर रोक लगाने के अपने पूर्व के फैंसले के संशोधित आदेश जारी किए है।

किस त्योहार पर कितनी देर चलेंगे पटाखे
सरकार ने प्रदेश (एनसीआर क्षेत्र को छोड़कर ) में दिवाली पर दो घंटे (रात 8 से रात 10 बजे तक) के लिए ग्रीन पटाखों को चलाने की अनुमति प्रदान की है। साथ ही क्रिसमस एवं न्यू ईयर पर रात 11.55 से रात 12.30 बजे, गुरू पर्व पर रात्रि 8 से रात्रि 10 बजे तक तथा छठ पर्व पर सुबह 6 से सुबह 8 बजे तक ग्रीन पटाखा चलाने की अनुमति होगी। गृह विभाग ने इस संबंध में शुक्रवार को आदेश जारी कर दिए हैं। अन्य त्योहारों पर आतिशबाजी के संबंध में गृह विभाग अलग से दिशा-निर्देश जारी करेगा।

एनसीआर क्षेत्र में रहेगा प्रतिबंध
गृह विभाग ने अपने आदेश में लिखा है कि वर्तमान में कोविड-19 की स्थिति, सुप्रीम कोर्ट एवं राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के निर्णय को ध्यान में रखते हुए प्राधिकृत अनुज्ञापत्र अधिकारियों को सलाह दी थी कि वह राज्य में आतिशबाजी के स्थाई लाइसेंस जारी नहीं करेंं। एनसीआर क्षेत्र को छोड़ते हुए राजस्थान में केवल ग्रीन आतिशबाजी के बेचने व चलाने की अनुमति होगी। उल्लेखनीय है कि राजस्थान में अलवर और भरतपुर जिला एनसीआर क्षेत्र में आता है।

यहां रहेगी पटाखा चलाने पर रोक

आदेश में स्पष्ट किया गया है कि जिस शहर में एयर क्वालिटी इंडेक्स POOR या उससे खराब है वहां उस दिन आतिशबाजी चलाने पर रोक रहेगी। ग्रीन पटाखों का प्रमाणन केंद्र सरकार की एजेंसी सीएसआईआर-नीरी के द्वारा किया जाता है। राज्य में 12 पटाखा उत्पादकों को यह प्रमाण-पत्र दिया जा चुका है। इन उत्पादकों को पीईएसओ से पटाखा बनाने के लिए लाइसेंस भी लेना होता है। राज्य के 9 उत्पादकों के पास पीईएसओ से लाइसेंस प्राप्त है। उल्लेखीय है कि पटाखों से रोक हटने की सूचना के बाद राजस्थान में खुशी मनाते हुए आमजन व पटाखा व्यवसायियों ने जमकर पटाखे चलाए। राजस्थान भर के पटाखा व्यापारियों ने खुशी जाहिर की है।

ग्रीन पटाखों से प्रदूषण कम
ग्रीन पटाखों से प्रदूषण अन्य सामान्य पटाखों की तुलना में कम होता है। ग्रीन पटाखों से अन्य पटाखों ग्रीन श्रेणी में आने वाले पटाखों के लिए उत्पादक को एक सर्टिफिकेट नीरी द्वारा दिया जाता है । पटाखों के डिब्बों पर नीरी का हरे रंग का लोगो एवं क्यू आर कोड होता है, जिसे स्केन कर ग्रीन पटाखों की पहचान की जा सकती है।