कलेक्टर के साथ हुई बैठक में धार्मिक स्थलों को खोलने के संबंध में धर्मगुरु भी दो धड़ों में बंटे नजर आए थे। एक ओर जहां एक जुलाई से सावधानी बरतते हुए प्रशासन के सहयोग से धार्मिक स्थलों को खोलने जाने की मांग की। वहीं दूसरा धड़ा कोरोना पॉजिटिव केस बढ़ने की वजह से इस अवधि को बढ़ाने के पक्ष में नजर आया। धर्म गुरुओं ने स्पष्ट कह दिया कि स्थलों को खोले जाने के बाद प्रशासन और पुलिस का सहयोग जरूरी होगा। बैठक में एक दर्जन से अधिक धर्म गुरुओं ने अलग-अलग सुझाव दिए। हालांकि ज्यादातर धर्मगुरु एक जुलाई से मंदिरों को खोलने के पक्षधर हैं।
त्योहार और पर्व पर भी होगा निर्णय सरकार की ओर से जो गाइडलाइन बनाई जाएगी, उसमें आने वाले त्योहार और पर्व को लेकर भी निर्देश दिए जाएंगे। आने वाले दिनों में सावन मास शुरू होने वाला है। इस दौरान कावड़ यात्रा की धूम रहेगी। इसी तरह गुरू पूर्णिमा, जन्माष्टमी और गणेश चतुर्थी जैसे बड़े त्योहार पर भी शहर में श्रद्धालुओं की जबर्दस्त भीड़ रहती है। ऐसे में सरकार भीड़ कम करने के संबंध में भी निर्देश जारी कर सकती है।