60 लाख फीट बजरी खपत है राजस्थान में हर दिन
80 रुपए फीट है बजरी का बाजार भाव वर्तमान में
48 करोड़ रुपए की बजरी हर दिन बिकती है
31 रुपए फीट मिलती थी बजरी
18.6 करोड़ की बजरी बिकती थी हर दिन
29.4 करोड़ का नुकसान आम आदमी को हर दिन
हर दिन होने वाले नुकसान का आंकलन 91 में किया जाए तो यह 2675 करोड़ होता है।
राज्य में बजरी खनन बंद होने से राज्य सरकार को अब तक करीब 73 करोड़ की रॉयल्टी का नुकसान हुआ है। बजरी से सरकार को रोजाना 80 लाख रुपए के आसपास रॉयल्टी मिलती है, ऐस में अब तक 91 दिनों में करीब 73 करोड़ रुपए की रॉयल्टी से हाथ धोना पड़ा है।
राज्य में वर्ष 2013 में बजरी के 5000 हेक्टेयर तक के पट्टे देने की चल रही कवायद के दौरान ही राजस्थान पत्रिका ने खबरें प्रकाशित कर राज्य सरकार के चेताया था कि बड़े पट्टे देने से प्रदेश में बजरी मंहगी हो जाएगी। इसके बावजूद खान विभाग ने बड़े पट्टे जारी कर बजरी खानों की नीलामी कर दी।
प्रदेशभर में अभी मात्र 53 बजरी की खानों में खनन हो रहा था। लेकिन इन खानों में भी सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। कोर्ट ने नदियों में बजरी खनन और बरसात के दौरान बजरी की आवक को लेकर स्टडी रिपोर्ट मांगी है। इस स्टडी रिपोर्ट के साथ मुख्य सचिव को शपथ पत्र नियमों के तहत बजरी खनन कराने का देना है। लेकिन खान विभाग अभी तक सभी खानों की स्टडी रिपोर्ट ही तैयार नहीं करा सका है। अभी तक मात्र 17 खानों की स्टडी रिपोर्ट तैयार हुई है। इस पर चालू माह के अंतिम सप्ताह में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा।
– 80 बजरी खानों को वर्ष 2013 में खनन के लिए अस्थायी स्वीकृति जारी
– 2 बजरी खानों को एनजीटी के आदेश से बंद कराया
– 24 बजरी खान गारंटी व प्रीमियम राशि जमा नहीं कराने पर की निरस्त
– 1 खान को बंद करने की चल रही प्रक्रिया
– 53 बजरी खानों में अभी हो रहा था खनन