जयपुर। खजाना खाली होने का हवाला देकर शहरी सरकार 500 करोड़ रुपए की उधारी ले रही है, वहीं मैरिज गार्डन संचालकों के 2 करोड़ रुपए माफ करने की तैयारी कर ली है। इसे लेकर नगर निगम (Municipal Corporation Jaipur Greater) आयुक्त ने सरकार को पत्र भी लिख दिया है। सरकार से स्वीकृति मिलती है तो विवाह स्थलों के 6 माह का लाइसेंस नवीनीकरण शुल्क माफ (Marriage garden license renewal fee waived) हो जाएगा। इसके साथ ही ब्याज और पैनल्टी पूरी माफ हो जाएगी।
शहर के जिन विवाह स्थल संचालकों ने वर्ष 2019—20 का समस्त शुल्क जमा करा रखा है, उनको साल 2020—21 के लाइसेंस नवीनीकरण फीस में 6 माह की छूट देने और वर्ष 2020—21 के ब्याज व पैनल्टी में पूरी छूट देने के लिए नगर निगम आयुक्त ने स्वायत्त शासन विभाग को पत्र लिखा है। पत्र में कोविड 19 को लेकर विवाह स्थल संचालकों को हुए आर्थिक नुकसान का हवाला दिया गया है। हालांकि इसके लिए नगर निगम प्रशासन ने अतिरिक्त आयुक्त की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया। इस समिति ने कोविड 19 के चलते विवाह स्थल संचालकों पर पड़े प्रभाव और उनको हुए नुकसान का आकलन किया, समिति ने कोरोना के कारण विवाह स्थल संचालकों की स्थिति दयनीय होने से इनकार नहीं करने की बात कही, साथ ही विवाह स्थल किराए पर लेकर चलाने वालों की स्थिति और अधिक खराब होने का हवाला दिया। निगम आयुक्त ने इस समिति के हवाले से ही मैरिज गार्डन संचालकों को छूट देने के लिए सरकार को पत्र लिखा है। निगम अधिकारियों की मानें शहर में 469 विवाह स्थलों को नगर निगम ने लाइसेंस दे रखा है, जिनसे हर साल 4 करोड़ रुपए नगर निगम को आय होती है।
विवाह स्थल संचालकों ने मांगी छूट
निगम अधिकारियों की मानें तो जयपुर विवाह स्थल समिति के अध्यक्ष भवानी शंकर माली ने कोरोना के चलते मैरिज गार्डन संचालकों को हुए नुकसान को देखते हुए सरकार को पत्र लिखा था, जिसमें विवाह स्थलों के शुल्क को माफ करने की बात कही गई। सरकार ने इस पत्र को लेकर नगर निगम से टिप्पणी मांगी। इसी के आधार पर नगर निगम ने मैरिज गार्डन संचालकों को छूट देने के लिए सरकार को पत्र लिखा है।