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जयपुर

धरती के भीतर मौजूद ऊष्मा से बनाई जाएगी ग्रीन एनर्जी

ईडन प्रोजेक्ट : शुरुआत में होगा घरों को गरम रखने में इस्तेमाल, अगली गर्मियों से ड्रिलिंग चालू

जयपुरOct 17, 2019 / 01:50 am

Vijayendra

धरती के भीतर मौजूद ऊष्मा से बनाई जाएगी ग्रीन एनर्जी

भू-तापीय परियोजना सेंट ऑस्टेल के पास एक खदान में शुरू की गई थी।

लंदन. इंग्लैंड के ईडन प्रोजेक्ट के लिए धरती के भीतर मौजूद ऊष्मा से ग्रीन एनर्जी बनाने का रास्ता साफ हो गया है। प्रोजेक्ट के सह-संस्थापक सर टिम स्मिथ ने घोषणा की है कि उसे अगली गर्मियों में स्वच्छ ऊर्जा के लिए ड्रिलिंग शुरू करने के लिए जरूरी धन मिल गया है।
प्रोजेक्ट के तहत धरती के भीतर मौजूद ऊष्मा के इस्तेमाल के लिए कुआं खोदकर पानी डाला जाएगा। यह पानी बेहद गरम होकर बाहर आएगा। शुरुआत में इसका इस्तेमाल घरों को गरम रखने आदि में किया जाएगा। बाद में इसी पानी से ग्रीन एनर्जी (बिजली) बनाई जाएगी।
दुनिया को अक्षय ऊर्जा से चलाने का सपना
स्मिथ ने कहा कि हमारा सपना है दुनिया अक्षय ऊर्जा से संचालित हो। सूरज बड़े पैमाने पर सौर ऊर्जा प्रदान कर सकता है लेकिन हमें एक अंतराल की आवश्यकता है। हम मानते हैं कि इसका उत्तर गर्मी में हमारे पैरों के नीचे मौजूद गर्मी में है। उस गर्मी तक ड्रिलिंग तकनीक द्वारा पहुंचा जा सकता है।
यूरोपीय संघ ने दिए 13.2 करोड़ रुपए
कॉर्नवॉल काउंसिल ने करीब 11 करोड़ रुपए (1.4 मिलियन यूरो) और यूरोपीय संघ ने भू-तापीय परियोजना शुरू करने के लिए करीब 132 करोड़ रुपए (16.8 मिलियन यूरो) दिए हैं, जो प्रोजेक्ट के पहले चरण को पूरा करने में काम आएगा। पहला कुआं दूसरे चरण के लिए मार्ग को प्रशस्त करेगा। दूसरे चरण को पूरा करने का मतलब होगा कि 2023 तक ईडन कार्बन पॉजिटिव बनने के लिए पर्याप्त अक्षय ऊर्जा पैदा कर रहा होगा। इसका उद्देश्य स्थानीय क्षेत्र के लिए गर्मी और बिजली प्रदान करना है। स्मिथ ने कहा ईडन, कॉर्नवाल और यूके के लिए जियोथर्मल एक गेमचेंजर होगा।
ज्यादा वेतन वाली नौकरियां पैदा करने में मददगार
कॉर्नवाल एंड आइल्स के मुय कार्यकारी ग्लेन कैपलिन के मुताबिक, भू-तापीय उद्योग के लिए इस प्राकृतिक संपदा का इस्तेमाल अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने व ज्यादा वेतन वाली नौकरियां बहाल करने में काम आएगा।

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