scriptबदल सकते है जीएसटी के स्लैब | GST slabs can be changed | Patrika News
जयपुर

बदल सकते है जीएसटी के स्लैब

नई दिल्ली। फेस्टिव सीजन ( Festive season ) के दौरान उत्पादों ( products ) की खपत बढ़ाने के लिए सरकार जीएसटी ( GST ) की दरों में बदलाव कर सकती है। 20 सितंबर को होने वाली जीएसटी काउंसिल ( GST Council ) की बैठक में सरकार ( goverment ) जीएसटी स्लैब घटाने का ऐलान कर सकती है। यही कारण है कि इस बैठक से पहले वित्त मंत्रालय ( Finance Ministry ) ने आकलन शुरू कर दिया है, कि दरों में बदलाव होने के बाद कारोबार में कितना नुकसान हो सकता है। सूत्रों की मानें तो जीएसटी दरों में बदलाव की जांच करने वाला फिटमेंट पै

जयपुरSep 05, 2019 / 08:41 pm

Narendra Singh Solanki

बदल सकते है जीएसटी के स्लैब

बदल सकते है जीएसटी के स्लैब

फिलहाल ऑटोमोबाइल, टायर, सीमेंट, एसी और बड़े एलसीडी टीवी पर 28 फीसदी टैक्स लगता है। ऑटो सेक्टर पर वाहन की साइज के हिसाब से सेस भी लगता है। एक अधिकारी ने कहा कि मुद्दों को गहराई से जांचा जा रहा है, आंकडो़ं को भी देखा जा रहा है। कुछ राज्यों ने पहले ही केंद्र को ऑटो और सीमेंट पर जीएसटी घटाने के लिए पत्र लिख चुके हैं। कुछ जानकारों का मानना है कि 12 और 18 फीसदी के स्लैब को मिलाकर एक कर दिया जाना चाहिए। पीडब्लूसी में इनडायरेक्ट टैक्स के नेशनल लीडर प्रतीक जैन के मुताबिक आर्थिक सुस्ती को देखते हुए ऑटो सेक्टर के लिए जीएसटी घटाने का केस बनता है। उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट और रेलवे जहां इनपुट टैक्स क्रेडिट पर रोक है वहां इनपुट पर जीएसटी घटने का केस बनता है। जैन के मुताबिक 12 और 18 फीसदी के स्लैब को मिलाकर एक स्लैब 15 या 16 फीसदी करने को भी जीएसटी काउंसिल चर्चा में ला सकती है। गोवा में जीएसटी काउंसिल की होने वाली बैठक में ऑटो सेक्टर पर जीएसटी घटाने पर बातचीत हो सकती है। हालांकि राज्यों में इस पर मतभेद है। ऑटो सेक्टर पर जीएसटी की दर 28 फीसदी से 18 फीसदी करने की मांग हो रही है। अगर ऑटो सेक्टर के लिए जीएसटी घटा तो सरकार को जीएसटी कलेक्शन में 50 से 60 हजार करोड़ रुपए का फटका पड़ सकता है। दूसरी तरफ सीमेंट पर 28 फीसदी से अगर टैक्स 18 फीसदी किया गया तो आय पर 13000 से 15000 करोड़ रुपए का अंतर आ सकता है। दरअसल भारत की विकास दर पहली तिमाही में 5 फीसदी पर आ गई है। ये 6 साल का निचला स्तर है। मारूति ने इस महीने 2 दिन के लिए अपना उत्पादन बंद रखा। अगस्त में इन कंपनियों की बिक्री में भी गिरावट रही। सरकार इकोनॉमी को बूस्ट देने के लिए सारे कदम उठा रही है। रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 0.35 फीसदी की कटौती की और बैंको से लोन को रेपो रेट से लिंक करने के लिए कहा है।

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