सरकारी नौकरियों में समझौते के मुताबिक़ आरक्षण सहित विभिन्न मांगों को लेकर गुर्जरों का आन्दोलन अब दो धडों में बंट गया है। एक तरफ कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने जहां कल 17 अक्टूबर को भरतपुर के पीलुकापुरा में महापंचायत बुलाई है तो वहीं उससे ठीक एक दिन पहले यानी आज 16 अक्टूबर को गुर्जर नेता हिम्मत सिंह बयाना में गुर्जर सरदारी से मुखातिब होकर आगे की रणनीति की घोषणा करेंगे।
गौरतलब है कि हिम्मत सिंह ने कर्नल बैंसला पर गुर्जर समाज के अन्य नेताओं से चर्चा किये बगैर फैसले लिए जाने का आरोप लगाया है। वे बैंसला पक्ष के लगभग हर निर्णय पर एतराज जताते रहे हैं।
गुर्जर नेता हिम्मत सिंह ने कहा कि एमबीसी आरक्षण के मुद्दे पर शुक्रवार को बयाना में गुर्जर सरदारी से मुख़ातिब होकर आगे की रणनीति की घोषणा की जायेगी। उन्होंने कहा कि इस दौरान राजस्थान गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के वरिष्ठ नेता श्रीराम बैंसला सहित समाज के कई अन्य प्प्रतिनिधि और नेता मौजूद रहेंगे।
‘समाज को कमज़ोर करने की चल रही साजिश’
हिम्मत सिंह ने नाम लिए बगैर विरोधी गुट पर निशाना साधते हुए कहा कि गुर्जर समाज के अब तक के त्याग और बलिदान को ख़त्म करने की साज़िश की जा रही है। वर्तमान में गुर्जर समाज बड़े संक्रमण के काल से गुजर रहा है। एमबीसी के हज़ारों युवाओं के भविष्य का सवाल है, आन्दोलन के दौरान सैकड़ों मुक़दमे लगे हैं, हज़ारों लोग प्रभावित हैं। अब समय आ गया हमारी एकता दिखाने का।
हिम्मत सिंह ने नाम लिए बगैर विरोधी गुट पर निशाना साधते हुए कहा कि गुर्जर समाज के अब तक के त्याग और बलिदान को ख़त्म करने की साज़िश की जा रही है। वर्तमान में गुर्जर समाज बड़े संक्रमण के काल से गुजर रहा है। एमबीसी के हज़ारों युवाओं के भविष्य का सवाल है, आन्दोलन के दौरान सैकड़ों मुक़दमे लगे हैं, हज़ारों लोग प्रभावित हैं। अब समय आ गया हमारी एकता दिखाने का।
मांग वही, पर आंदोलन अलग !
बैंसला की महापंचायत से पहले एक अलग ही आंदोलन की रूपरेखा बनाने को उतरे गुर्जर नेता ने सरकार से समाज की मांग दोहराई है। उन्होंने कहा कि समाज की पांच प्रमुख मांगें हैं। इनमें 6 मई 2010 को हुए समझौते के अनुसार सरकारी भर्तियों में 1.4 प्रतिशत के रिज़र्व पदों पर नियुक्ति दी जाए। इसके अलावा प्रक्रियाधीन 15 भर्तियों में 5% आरक्षण का पूरा लाभ दिया जाए। वहीं पिछले आन्दोलन के दौरान शहीद हुए तीन लोगों के परिवारों का पुनर्वास, दर्ज मुकदमे वापस लेने और देवनारायण योजना की क्रियान्वित की मांग शामिल है।
बैंसला की महापंचायत से पहले एक अलग ही आंदोलन की रूपरेखा बनाने को उतरे गुर्जर नेता ने सरकार से समाज की मांग दोहराई है। उन्होंने कहा कि समाज की पांच प्रमुख मांगें हैं। इनमें 6 मई 2010 को हुए समझौते के अनुसार सरकारी भर्तियों में 1.4 प्रतिशत के रिज़र्व पदों पर नियुक्ति दी जाए। इसके अलावा प्रक्रियाधीन 15 भर्तियों में 5% आरक्षण का पूरा लाभ दिया जाए। वहीं पिछले आन्दोलन के दौरान शहीद हुए तीन लोगों के परिवारों का पुनर्वास, दर्ज मुकदमे वापस लेने और देवनारायण योजना की क्रियान्वित की मांग शामिल है।