ज्योतिषाचार्यों के अनुसार गुरु पूर्णिमा का व्रत 4 जुलाई के दिन रखा जाएगा, लेकिन गुरु पूर्णिमा का पर्व 5 जुलाई के दिन मान्य जाएगा। पूर्णिमा तिथि 4 जुलाई 2020 शनिवार को 11 बजकर 57 मिनट पर प्रारंभ होगी। पूर्णिमा तिथि समाप्त 5 जुलाई 2020 रविवार 10 बजकर 8 मिनट पर होगी। गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्रग्रहण भी लगेगा जो धनु राशि मे लगेगा और 5 जुलाई सुबह 8 बजकर 38 मिनट पर शुरू होगा, जो दोपहर 2 बजकर 25 मिनट पर खत्म होगा।
एक और बड़ा त्योहार कोरोना की भेंट चढ़ गया इस बार। पंडित राजकुमार चतुर्वेदी ने बताया कि अधिकतर शक्ति पीठ और मंदिर बंद हैं। लंबे समय तक बंद ही रहेंगे। शिष्य गुरु से मिल सकेंगे लेकिन नियमों की सख्ती होगी। इस कारण इस बार गुरु पूर्णिमा अधिकतर जगहों पर आनलाइन ही मनाई जाएगी। शिष्य अपने गुरु के आनलाइन ही दर्शन कर सकेंगे और उनको उसी तरह से गुरु का आर्शीवाद भी मिलेगा। इस बार अधिकतर मंदिरों और शक्ति पीठों पर इसी तरह की तैयारी है। बड़ी बात ये है कि स्कूलों में भी इस दिन बड़े आयोजन होते हैं। लेकिन स्कूल बंद होने के कारण इस बार इस तरह के आयोजन नहीं होंगे।