अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले ज्ञानदेव आहूजा ने कहा कि दुनिया में एक ही धर्म है और वो है हिन्दू। बाकी सम्प्रदाय और जातियां हैं। हिन्दू किसी मजहब के खिलाफ नहीं बल्कि प्रकृति, सृष्टि को पूजता है। हिन्दू यहां की राष्ट्रीयता है। देश हमारी मां है और कोई मां की बेइज्जती करे तो वह हमें बर्दाश्त नहीं है। वहीं मॉब लिंचिंग की घटना पर चर्चा के दौरान इमाम उमर अहमद ने कहा कि अलवर में ज्यादातर यदुवंशी हैं जो गाय काटने वाले नहीं बल्कि पालने वाले हैं, लेकिन पालने वालों को भी मारा जाए तो वह गलत है। इसके जवाब में आहूजा ने कहा कि रकबर और असलम पर गौतस्करी के केस थे। जब उन्हें रोका गया तो वह कच्चे रास्तों से क्यो भागे। उन्होंने पुलिस पर भी गौतस्करी में शामिल होने का आरोप लगाया। बिशप ने आहूजा से सवाला पूछा कि क्या बीफ एक्सपोर्ट भारत से बंद हो जाएगा, इसके बदले में आहूजा ने कहा कि वह केन्द्र या राज्य सरकार के प्रवक्ता नहीं हैं।
अटल काव्य निशा में दी पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धांजलि
फाउंडेशन के अध्यक्ष दीपक गोस्वामी ने बताया कि दोपहर में सनातन अखण्ड भारत शास्वत सत्य क्यों विषय पर विभिन्न वक्ताओं के बीच संवाद हुआ। वहीं युवा आध्यात्म, ज्ञान, आचरण और आत्मिक शान्ति एक परिकल्पना विषय के बाद मंत्रज्ञ निर्मला सेवानी का कलेक्टिव मेडिटेशन हुआ। शाम को हुए कार्यक्रम में अटल काव्य निशा का आयोजन हुआ। जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी गई। काव्य गोष्ठी में गोपाल शर्मा प्रभाकर, केबी पण्ड्या सहित अन्य कवियों ने कविताओं के जरिए पूर्व प्रधानमंत्री को याद किया।