दौसा कोतवाली के तत्कालीन सीआई गणपतराम की रिपोर्ट पर बांदीकुई जीआरपी में मामला दर्ज हुआ था। मामले में सांसद और विधायक का नाम होने की वजह से जांच सीआइडी—सीबी को सौंपी गई थी। मामला दर्ज होने के तीन साल बाद सीआईडी-सीबी ने जांच रिपोर्ट को जीआरपी पुलिस अधीक्षक अजमेर को भेज दिया है।
जांच में सांसद विधायक के अलावा रामेश्वर प्रसाद बैरवा, मौजीराम मीणा, नटवर लाल, राजेश मीणा, मानसिंह मीणा, बाबूलाल मीणा, गोपाल ठाकरिया, संतोष मीणा, अंतो मीणा, महेंद्र मीणा, प्यार सिंह मीणा, हेमू उर्फ हेमंत मीणा, सूखा मीणा, हितेश्वर बैरवा, महेन्द्र चांदा, लोकेश कुमार मीणा, सिकंदर पंजाबी, शाहनवाज उर्फ सन्नी खां, रवि मीणा, अरबाज, विजय मीणा, लक्ष्मीनारायण बैरवा, मोनू, राजेश मीणा, भूरा उर्फ रामसिंह मीणा के खिलाफ 147,148,149, 332, 353, 336, 3 पीडीपीपी एक्ट एवं धारा 145,153,174 रेलवे एक्ट में चालान का निर्णय किया है।
दरअसल थानागाजी, अलवर में हुई सामूहिक गैंगरेप की घटना के विरोध में 15 मई 2019 को भाजपा सांसद डॉ.किरोड़ी लाल मीणा, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सांसद हनुमान बेनीवाल और विधायक गोपीचंद ने संत सुंदर दास स्मारक पर विरोध सभा की थी। सभा के बाद प्रदर्शनकारियों ने बांदीकुई रेलवे ट्रेक पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद ट्रेक खाली करवाने की बात पर पुलिस पर पथराव किया गया।जिसमें 11 पुलिसकर्मी घायल हो गए। पथराव से रेलवे स्टेशन पर भी भारी नुकसान हुआ।