संगीतमय सुंदरकांड, पंचमेवों की सजाई झांकी चांदी की टकसाल स्थित काले हनुमान मंदिर में मध्यरात्रि में जन्माभिषेक करने के बाद हवन हुआ। अलसुबह मंदिर महंत गोपालदास महाराज के सान्निध्य में प्रभु को नवीन पोशाक धारण करवाकर मंच मेवों की झांकी सजाई गई। भक्तों की ओर से सामूहिक संगीतमय सुंदरकांड के पाठ किए गए। दिनभर मंदिर में भक्तों की भीड़ रही। शाम होते ही मंदिर रोशनी से जगमगा उठा। महाआरती के बाद लड्डुओं की विशेष झांकी सजाई गई। इसके बाद भजन संध्या का आयोजन हुआ।
5 मन लड्डुओं की प्रसादी बांटी
घाट के बालाजी मंदिर में महंत स्वामी सुदर्शनाचार्य के सान्निध्य में पवनपुत्र का दिव्य औषधि से पंचामृत अभिषेक किया गया। इसके बाद हनुमानजी महाराज को नवीन पोशाक धारण करवाकर आकर्षक शृंगार किया गया। मंदिर में फूल बंगला झांकी सजाई गई। दिन में 5 मन लड्डूओं का भोग लगाकर भक्तों को प्रसादी वितरित की गई। शाम को सामूहिक सुंदरकांड पाठ का आयोजन हुआ। इसके बाद आरती हुई।
घाट के बालाजी मंदिर में महंत स्वामी सुदर्शनाचार्य के सान्निध्य में पवनपुत्र का दिव्य औषधि से पंचामृत अभिषेक किया गया। इसके बाद हनुमानजी महाराज को नवीन पोशाक धारण करवाकर आकर्षक शृंगार किया गया। मंदिर में फूल बंगला झांकी सजाई गई। दिन में 5 मन लड्डूओं का भोग लगाकर भक्तों को प्रसादी वितरित की गई। शाम को सामूहिक सुंदरकांड पाठ का आयोजन हुआ। इसके बाद आरती हुई।
खोले के हनुमानजी को धारण करवाई चांदी की पोशाक
खोले के हनुमानजी महाराज को चांदी की पोशाक और सवा पांच किलों का मुकुट धारण करवाया गया। इससे पहले सुबह 108 द्रव्य औषधीयुक्त जल से हनुमानजी का अभिषेक, षोडशोपचार पूजन किया गया। दोपहर में दुग्धाभिषेक और आरती की गई। शाम को भजन संध्या और रात को महाआरती हुई। इस बीच दिन में कई जगह से पदयात्राएं मंदिर पहुंची। इस मौके पर मंदिर रोशनी से जगमग रहा। लक्ष्मण डूंगरी व मंदिर परिसर को रोशनी से सजाया गया।
खोले के हनुमानजी महाराज को चांदी की पोशाक और सवा पांच किलों का मुकुट धारण करवाया गया। इससे पहले सुबह 108 द्रव्य औषधीयुक्त जल से हनुमानजी का अभिषेक, षोडशोपचार पूजन किया गया। दोपहर में दुग्धाभिषेक और आरती की गई। शाम को भजन संध्या और रात को महाआरती हुई। इस बीच दिन में कई जगह से पदयात्राएं मंदिर पहुंची। इस मौके पर मंदिर रोशनी से जगमग रहा। लक्ष्मण डूंगरी व मंदिर परिसर को रोशनी से सजाया गया।