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जयपुर

मिर्धा अपहरणकांड को अंजाम देने वाले हरनेक सिंह ने मांगी स्थायी पैरोल

कोर्ट ने स्थायी पैरोल कमेटी को एक महीने में फैसला करने के दिए निर्देश

जयपुरSep 25, 2020 / 10:50 pm

KAMLESH AGARWAL

police friend

Court sentenced to life imprisonment for murdering girlfriend 

जयपुर।

राजेंद्र मिर्धा अपहरणकांड के अभियुक्त हरनेक सिंह ने स्थायी पैरोल की मांग की है। स्थायी पैरोल के लिए दायर याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य स्तरीय पैरोल कमेटी को एक महीने में फैसला लेने का निर्देश दिए हैं।
खालिस्तान लिबेरेशन फ्रंट के मुखिया को छुड़ाने के लिए राजेंन्द्र मिर्धा का अपहरण किया गया था। मामले में आरोपी हरनेक सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर जेल नियमों का हवाला देते हुए स्थायी पैरोल की मांग की है। हरनेक सिंह के वकील विश्राम प्रजापति ने कहा कि राजस्थान पैरोल रिलीज रूल्स 1958 के नियम 9 के तहत 14 साल की सजा पूरी होने के बाद आजीवन कारावास से दंडित बंदी को स्थायी पैरोल पर छोड़ा जा सकता है। हरनेक का व्यवहार भी जेल में सही रहा है और इससे पहले 8 मई को 28 दिन के विशेष पैरोल पर रिहा किया गया था और वह समय पर जेल में वापस आ गया। बीते साल भी पैरोल के बाद समय पर वापस जेल आया है। इस पर न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश सीके सोनगरा की खंडपीठ ने हरनेक सिंह के इस संबंध में दिए गए अभ्यावेदन पर एक माह में फैसला लेने के निर्देश दिए हैं।
क्या है मामला

आतंकियों ने 17 फरवरी 1995 को कांग्रेस नेता रामनिवास मिर्धा के बेटे राजेन्द्र मिर्धा का सी स्कीम स्थित उनके घर से अपहरण कर लिया था। आतंकियों ने मिर्धा की रिहाई के बदले खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट के मुखिया देवेन्द्र पाल सिंह भुल्लर को रिहा करने की मांग की थी। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मॉडल टाउन कॉलोनी के एक मकान में आतंकी नवनीत कादिया का एनकाउंटर किया था। जबकि दयासिंह लाहौरिया उसकी पत्नी सुमन सूद और हरनेक सिंह फरार हो गए थे। लाहौरिया और सुमन सूद को 3 फरवरी 1997 को अमेरिका से प्रत्यर्पित करके भारत लाया गया था। कोर्ट ने लाहौरिया को आजीवन कारावास और सुमन सूद को पांच साल की कैद की सजा से दंडित किया था। वहीं हरनेक सिंह को वर्ष 2004 में पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार किया था और 26 फरवरी 2007 को राजस्थान पुलिस को सौंपा था। एडीजे कोर्ट ने 6 अक्टूबर 2017 को हरनेक सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
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