सूरत की घटना का उदाहरण
इसी प्रकार से चल रहे सूरत के कोचिंग इंस्टीट्यूट में आग लगने के कारण २३ छात्रों की मौत हो गई थी। इंस्टीट्यूट में आपातकालीन निकास की व्यवस्था नहीं हैं। कई कोचिंग इंस्टीट्यूट बेसमेंट में चल रहे हैं। गोपालपुरा बाइपास, मानसरोवर, विद्याद्यर नगर और वैशाली नगर सहित अन्य आवासीय इलाकों में अधिकांश इंस्टीट्यूट संचालित हो रहे हैं।
संस्थानों ने माना, नहीं हैं इंतजाम
एडवोकेट आदित्य जैन ने बताया कि बुधवार को सुनवाई के दौरान अदालत में कोचिंग इंस्टीट्यूट की ओर से पेश चैक लिस्ट के अनुसार उन्होंने स्वयं माना है कि उनके पास ना फायर सेफ्टी के इंतजाम हैं और ना ही वह बिल्डिंग बॉयलॉज का पालना कर रहे हैं। इस पर अदालत ने लाखों छात्रों की जान के लिए खतरा बने एेसे कोचिंग इंस्टीट्यूट को सील नहीं करने पर नाराजगी जताई है और जेडीए व नगर निगम सहित चीफ फायर ऑफिसर को दो सप्ताह में जयपुर की सभी जोन के संबंध में शपथ-पत्र और रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।