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सवाईमाधोपुर पोक्सो कोर्ट डीजे को हाईकोर्ट की नसी हत,न्यायिक अनुशासन का करें पालन-हाईकोर्ट

(Rajasthan Highcourt) राजस्थान हाईकोर्ट ने नाबालिग से छेडछाड के मामले में (SWM Pocso Court) सवाईमाधोपुर पॉक्सो कोर्ट के आरोपी की (Bail Appli) जमानत अर्जी (dismissed) खारिज करने के फैसले में (Police working) पुलिस कार्यप्रणाली व (Police officer) पुलिस अधिकारी पर की गई (observation) टिप्पणियों पर (resentment) नाराजगी जताई है।

जयपुरJun 30, 2020 / 09:32 pm

Mukesh Sharma

जयपुर
(Rajasthan Highcourt) राजस्थान हाईकोर्ट ने नाबालिग से छेडछाड के मामले में (SWM Pocso Court) सवाईमाधोपुर पॉक्सो कोर्ट के आरोपी की (Bail Appli) जमानत अर्जी (dismissed) खारिज करने के फैसले में (Police working) पुलिस कार्यप्रणाली व (Police officer) पुलिस अधिकारी पर की गई (observation) टिप्पणियों पर (resentment) नाराजगी जताई है। न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा ने विनोद कुमार उर्फ भेालाराम की जमानत याचिका स्वीकार करते हुए पोक्सो कोर्ट के आदेश में की गई टिप्पणी व डीजीपी को दिए निर्देश निरस्त करते हुए कहा है कि डीजे स्तर के अधिकारी को अपने फैसले देते समय समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों से प्रभावित नहीं होना चाहिए, और ना ही जिले में समान प्रकृति के अपराध अधिक होने के आधार पर जमानत अर्जी खारिज की जानी चाहिए। कोर्ट ने पोक्सो कोर्ट के पीठासीन अधिकारी को न्यायिक अनुशासन की पालना करने की नसीहत भी दी है।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि पॉक्सो कोर्ट ने जमानत अर्जी पर आदेश देते संबंध पुलिस अधिकारियों पर गंभीर टिप्पणियां की है। ऐसी टिप्पणियों से कोर्ट, प्रशासन और पुलिस के अस्तित्व पर ही प्रश्नचिन्ह् लगता है। कोर्ट को सिर्फ मुकदमें से संबंधित तथ्यों तक ही सीमित रहना चाहिए। अदालत ने पॉक्सो जज को भविष्य में ऐसी प्रतिकूल टिप्पणियां देने को लेकर सावचेत रहने के निर्देश दिए हैं।
जमानत अर्जी में कहा गया कि गत फरवरी माह में मलारना डूंगर थाने में याचिकाकर्ता को शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। एसडीएम से जमानत मिलने के बाद में याचिकाकर्ता के खिलाफ नाबालिग से छेडछाड करने का मामला दर्ज करा दिया गया। जबकि पहली गिरफ्तारी के समय नाबालिग के पिता ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया था। वहीं 19 जून को पॉक्सो अदालत ने जमानत अर्जी को खारिज करते हुए एसआई स्तर के थाने में सीआई स्तर के अधिकारी को नियुक्त करने पर सवाल उठाए। इसके साथ ही अदालत ने थाना इलाके में बजरी खनन की बात भी कही। वहीं पुलिस की कार्यप्रणाली पर टिप्पणियां करते हुए आदेश की कॉपी डीजीपी को भेजते हुए थानाधिकारी जितेन्द्र सिंह को गंभीर मामलों में जांच नहीं देने पर विचार करने को कहा था।

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