इन दिनों मौसम खुशगवार होने से घरों में चटपटे व्यंजन और गोठ आदि खूब किए जाते हैं। हालांकि गोठ का लुत्फ उठाएं, लेकिन भोजन की मात्रा को थोड़ा कम रखें। बारिश के दिनों में पाचन क्षमता अपेक्षाकृत कमजोर हो जाती है, इसलिए भूख से लगभग 20 फीसदी कम खाना श्रेयस्कर रहता है। इससे पेट संबंधी विकार नहीं होते और हाजमा भी सही रहता है।
बारिश के दिनों में बड़ों के साथ छोटे बच्चों की सार संभाल पर भी विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। जो बच्चे मां का दूध पीते हैं, उन्हें कम परेशानी होती है, क्योंकि मां ही बच्चे का कवच होती है। लेकिन यह भी सच है कि छोटे बच्चे को वातावरण के अनुसार ढलने में थोड़ा वक्त लगता है, इसलिए सावधानी फिर भी जरूरी है।