scriptदोषियों को अलग-अलग फांसी पर आज सुनवाई | hearing today on separate hanging for accused | Patrika News
जयपुर

दोषियों को अलग-अलग फांसी पर आज सुनवाई

निर्भया मामला: केंद्र की सुप्रीम कोर्ट में याचिका

जयपुरFeb 07, 2020 / 01:13 am

anoop singh

दोषियों को अलग-अलग फांसी पर आज सुनवाई

दोषियों को अलग-अलग फांसी पर आज सुनवाई

नई दिल्ली. निर्भया के दोषियों को अलग-अलग फांसी दिए जाने के संबंध में केंद्र की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई करेगा। इससे पहले केंद्र की याचिका दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के एम नटराज ने जस्टिस एन वी रमना, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस कृष्ण मुरारी की पीठ के समक्ष याचिका को तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया। नटराज ने अदालत को बताया कि जेल प्रशासन मामले में दोषियों को फांसी देने में असमर्थ है जबकि उनकी पुनर्विचार याचिकाएं खारिज कर दी गई है और सुधारात्मक याचिकाएं तथा उनमें से तीन की दया याचिकाएं भी खारिज हो चुकी है। निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा था कि सभी दोषियों को एक साथ फांसी दी जाए, न कि अलग अलग। जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने दोषियों को एक हफ्ते के अंदर जो भी आवदेन देना चाहे वह दायर करने का निर्देश दिया, जिसके बाद अधिकारियों द्वारा उस पर कार्रवाई की जाएगी। हाईकोर्ट ने केंद्र की निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया था। निचली अदालत ने दोषियों की फांसी पर रोक लगा दी थी। केंद्र और दिल्ली सरकार ने निचली अदालत के 31 जनवरी के आदेश को चुनौती दी थी। इसमें निचली अदालत ने अगले आदेश तक मामले के चारों दोषियों, मुकेश कुमार, पवन गुप्ता, विनय कुमार शर्मा और अक्षय कुमार को फांसी देने पर रोक लगा दी थी। सभी दोषी तिहाड़ जेल में बंद हैं।
अक्षय का नया पैंतरा, राष्ट्रपति को लिखा पत्र
निर्भया के दोषियों में से एक अक्षय ने फांसी की सजा से बचने के लिए नया पैंतरा अपनाया है। दोषियों के वकील एपी ङ्क्षसह के अनुसार, अक्षय ने राष्ट्रपति को एक फरवरी को पत्र लिखकर कहा था कि अक्षय की दया याचिका बिना उसके हस्ताक्षर के राष्ट्रपति के समक्ष पेश की गई थी। इसलिए दया याचिका पर संज्ञान न लिया जाए। अधिवक्ता सिंह के मुताबिक, राष्ट्रपति भवन में पावती मुहर के साथ संलग्न पत्र में कहा गया कि 31 जनवरी को दाखिल दया याचिका पर अक्षय के हस्ताक्षर या अंगूठे के निशान नहीं हैं। न ही याचिका तिहाड़ जेल प्रशासन से प्रमाणित है। साथ ही, याचिका दोषी की आर्थिक स्थिति और केस की पूरी जानकारी के बिना जल्दबाजी में दायर हुई थी।
जेल प्रशासन की नए डेथ वारंट की याचिका
ति हाड़ जेल प्रशासन ने गुरुवार को दिल्ली के एक कोर्ट में निर्भया के दोषियों के खिलाफ नया डेथ वारंट जारी करनेे की अपील की है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने नए सिरे से डेथ वारंट जारी करने के लिए तिहाड़ जेल के अधिकारियों की तरफ से दायर याचिका पर दोषियों का जवाब मांगा है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो