अब पुलिस तभी जब्त वाहन छोड़ेगी, जब चालक लाइसेंस बनवाकर लाएगा। साथ ही कोर्ट में जुर्माने की राशि भी जमा करवानी होगी। पुलिस वाहन मालिक से भी एक हजार रुपए का जुर्माना लेगी। यातायात पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार कुछ वाहन चालकों के शपथ पत्र की जांच की तो सामने आया कि उन्होंने झूठा शपथ पत्र दिया है। अब यदि किसी वाहन चालक ने झूठा शपथ पत्र दिया है, तो उसके खिलाफ धोखाधड़ी का केस भी दर्ज किया जाएगा।
इस संबंध में डीसीपी ट्रैफिक राहुल प्रकाश का कहना है कि प्रारंभिक जांच में 13 शपथ पत्र झूठे होने की बात सामने आई हैं। फर्जी पाए जाने पर चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करेंगे।
वहीं दूसरी ओर राजधानी जयपुर में वाहनों की प्रदूषण जांच करने वाले पीयूसी सेंटरों ( PUC ) पर गड़बडिय़ां उजागर हो रही हैं। महज फोटो के आधार पर ही सर्टिफिकेट ( Pollution Certificate ) बनाया जा रहा है। परिवहन आयुक्त के निर्देश पर आरटीओ की ओर से शहर में एक दर्जन से अधिक सेंटरों की औचक जांच कराई गई। इसमें छह सेंटरों में फर्जीवाड़ा सामने आया। सेंटरों पर बिना मशीन ऑफ लाइन तरीके से ही प्रदूषण सर्टिफिकेट बनाए जा रहे थे। ऑनलाइन सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी सामने आते ही उक्त सेंटरों को चिह्नित कर कार्रवाई की गई। छह सेंटरों को 15 दिन के निलंबित कर जुर्माना लगाया है। आरटीओ राजेन्द्र वर्मा ने बताया कि मैसर्स सालासर बालाजी मोबाइल प्रदूषण जांच केन्द्र, ज्ञान सिंह रायका, गोविंदा मोबाइल प्रदूषण जांच केन्द्र, दिनेश नायक प्रदूषण, धर्मेश मोबाइल प्रदूषण, ओमप्रकाश मेहता प्रदूषण केन्द्र की सेवाएं 15 दिन के लिए निलंबित की गई है। इसके अलावा शहर में आधा दर्जन चालान किए गए हैं।