मौसम केंद्र के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि वर्तमान में एक परिसंचरण तंत्र मध्यप्रदेश और पूर्वी राजस्थान के उपर बना हुआ है। जो कि समुद्र तल से 7.6 किमी उपर तक विस्तृत है। साथ ही मानसून की ट्रफ रेखा जैसलमेर, गुना, सतना, अंबिकापुर, पारादीप और पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी से गुजर रही है। इसी के प्रभाव से दक्षिणी राजस्थान, पूर्वी राजस्थान के कुछ हिस्सों में बारिश हो रही है।
इसी तंत्र के प्रभाव से आगामी दिनों में बारिश तेज होगी। 10 से 12 सितम्बर के दौरान पूर्वी राजस्थान में लगभग सभी स्थानों पर जबकि पश्चिमी राजस्थान के कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश होगी। जबकि दक्षिणी राजस्थान में कहीं-कहीं भारी व अति भारी बारिश (64.5 मिमी से 204.5 मिमी तक) होने की संभावना है। इतना ही नहीं दक्षिणी राजस्थान में बारिश के कारण कच्चे मकान गिरने, जलभराव होने, फसलों को नुकसान होने आदि नुकसान की चेतावनी जारी की गई है।
यूं रहेगा मौसम का मिजाज 10 सितंबर को डूंगरपुर, उदयपुर, बांसवाड़ा और सिरोही जिले में कहीं-कहीं अति भारी बारिश। जबकि भीलवाड़ा, प्रतापगढ़, बूंदी, कोटा, जालौर और पाली जिले में कहीं-कहीं भारी बारिश होगी।
11 सितंबर को डूंगरपुर, उदयपुर जिले में कहीं-कहीं अति भारी बारिश। जबकि भीलवाड़ा, राजसमंद, चित्तौडग़ढ़, प्रतापगढ़, झालावाड़, कोटा, बांंसवाड़ा, सिरोही, अजमेर, टोंक, सवाईमाधोपुर, नागौर और पाली जिले में कहीं-कहीं भारी बारिश होगी। 12 सितंबर को डूंगरपुर व उदयपुर जिले में कहीं-कहीं अति भारी बारिश। जबकि भीलवाड़ा, राजसमंद, चित्तौडग़ढ़, प्रतापगढ़, झालावाड़, कोटा, बांंसवाड़ा, सिरोही, अजमेर, टोंक, सवाईमाधोपुर, नागौर और पाली जिले में कहीं-कहीं भारी बारिश होगी।
13 सितंबर को पूर्वी राजस्थान के राजसमंद, चित्तौडग़ढ़, उदयपुर, प्रतापगढ़, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, सिरोही जिले में कहीं-कहीं भारी बारिश की संभावना है। वहीं, पश्चिमी राजस्थान के लिए कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है।
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