यहां कतार में ही निकल जाते हैं मरीजों के ढाई घंटे
यहां कतार में ही निकल जाते हैं मरीजों के ढाई घंटे
यहां कतार में ही निकल जाते हैं मरीजों के ढाई घंटे
जयपुर।
राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय से जुडे जयपुरिया अस्पताल में इन दिनों मौसमी बीमारियों के मरीजों पर दोहरी मार हो रही है। स्थिति ऐसी है कि मरीज चाहे डेंगू से पीडित हो या फिर मलेरिया बुखार से। डॉक्टर को दिखाने अस्पताल में आए मरीजों के दो से ढाई घंटे तो कतारों में ही निकल रहे हैं और मरीज बेहाल होकर वहीं बैठ जाते हैं।
जयपुरिया अस्पताल में हर बार मौसमी बीमारियों के सीजन में मरीजों को ऐसी ही स्थिति से रूबरू होना पडता है। लेकिन अस्पताल प्रशासन मरीजों को कतारों से निजात दिलाने के कोई प्रयास नहीं करता है। जब ज्यादा हो हल्ला होता है तो कुछ दिन तो व्यवस्थाएं चाक चौबंद नजर आती है लेकिन कुछ समय बाद व्यवस्थाएं बेपटरी हो जाती है।
इस समय अस्पताल में प्रतिदिन पांच हजार से ज्यादा मरीज आउटडोर में आ रहे हैं। इनमें से तीन हजार से ज्यादा मरीज तो मौसमी बीमारियों के ही होते है। मरीज किसी तरह रजिस्ट्रेशन की कतार से पीछा छुडाते हैं तो डॉक्टर को दिखाने के लिए कतार में लगना पडता है क्योंकि मेडिसिन विभाग में अलग से कोई आउटडोर मौसमी बीमारियों के मरीजों के लिए नहीं है। किसी तरह यहां डॉक्टर को दिखाने के बाद जांच की पर्ची लेकर जांच केन्द्र के लिए दौड शुरू हो जाती है क्योंकि 11.30 बजे बाद जांच के लिए सैंपल नहीं लिए जाते और यहां भी नंबर आने में एक घंटे का समय लग जाता है।
अस्पताल प्रशासन मरीजों से रजिस्ट्रेशन शुल्क के दस रुपए ले रहा है और प्रतिदिन लाखों रुपए की कमाई कर रहा है। लेकिन इस राशि को अन्य कार्यों में खर्च किया जा रहा है। जबकि रजिस्ट्रेशन काउंटरों पर व्यवस्थाएं बनाने के लिए नहीं किया जा रहा है। अस्पताल प्रशासन चाहे तो यहां काउंटरों पर कम्प्यूटरों की संख्या बढा सकता है।
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