जयपुर

आमेर महल और चित्तौड़गढ़ किले के बफर जोन के लिए बनेगे हेरिटेज बायलॉज

यूनेस्को की ओर से विश्व विरासत घोषित किए गए जयपुर के आमेर किले और चित्तौडगढ़ किलों के बफर जोन में पुराविरासत के स्वरूप को बरकरार रखने के लिए हेरिटेज बायलॉज बनाए जाएंगे।

जयपुरSep 07, 2020 / 10:11 pm

Kamlesh Sharma

यूनेस्को की ओर से विश्व विरासत घोषित किए गए जयपुर के आमेर किले और चित्तौडगढ़ किलों के बफर जोन में पुराविरासत के स्वरूप को बरकरार रखने के लिए हेरिटेज बायलॉज बनाए जाएंगे।

गिर्राज शर्मा/जयपुर। यूनेस्को की ओर से विश्व विरासत घोषित किए गए जयपुर के आमेर किले और चित्तौडगढ़ किलों के बफर जोन में पुराविरासत के स्वरूप को बरकरार रखने के लिए हेरिटेज बायलॉज बनाए जाएंगे। हेरिटेज बायलॉज स्वायत्त शासन विभाग बनाएगा। इसके लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा।
एक माह में हेरिटेज बायलॉज का ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा। वहीं आमेर सहित प्रदेश के विश्व विरासत घोषित 6 किलों की इंटीग्रेटेड फोर्ट मैनेजमेंट पॉलिसी तैयार की जाएगी। इस पॉलिसी को बनाते समय नेशनल पॉलिसी फॉर कंजर्वेशन को अडॉप्ट किया जाएगा। ये निर्णय सोमवार को मुख्य सचिव राजीव स्वरूप की अध्यक्षता में हुई अपेक्स एडवाइजरी कमेटी फॉर हिल फोर्ट की बैठक में लिए गए।
बैठक में मुख्य सचिव ने आमेर और चित्तौड़गढ़ किलों के बफर जोन के लिए बॉयलाज बनाने के लिए एक कमेटी का गठन कर एक महीने में बॉयलाज का ड्राफट जारी करने के स्वायत्त् शासन सचिव को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यूनेस्को को प्रस्ताव भेजते समय प्रत्येक फोर्ट के लिए अलग—अलग मैनेजमेंट प्लान बनाया गया था। इस प्लान के अपडेशन के लिए नेशनल पॉलिसी फॉर कंजर्वेशन के दिशा निर्देशों के अनुसार 2022 तक किया जाए और यह कार्य आमेर विकास प्रबंधन प्राधिकरण, पुरातत्व विभाग के माध्मय से प्रत्येक किले के संबध में किया जाए।

ये भी दिए निर्देश
— रणथम्भौर किले में पानी और पार्किंग की समस्या के समाधान वन विभाग और जिला कलक्टर के स्तर पर किया जाए।
— कुंभलगढ़ किले में पार्किंग सुविधा के विकास के लिए प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजने के निर्देश दिए गए।
— कुंभलगढ ,चितौडगढ़ व जैसलमेर में अतिक्रमणों के प्रकरणों पर शीघ्र कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।
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