स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत जलेब चौक में विकास कार्य करवाए जाएंगे। यहां पर कबूतरों के चुग्गा स्थल पर जालियां लगाकर सुन्दर बनाने की योजना है। साथ ही पार्किंग स्थल विकसित करने और चाट मार्केट बनेगा। जलेब चौक में हाट बाजार बनाने और इसे नाइट बाजार के तौर पर विकसित करने की योजना है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के ये काम तब तक शुरू नहीं हो पाएंगे, जब तक कि एडमा जलेब चौक को नगर निगम को हैण्डओवर नहीं करेगा यहां पर स्मार्ट वर्क शुरू नहीं हो पाएंगे।
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने वर्ष 2006 जलबे चौक को ग्लोबल आर्ट स्क्वायर बनाने की घोषणा की। इसके लिए जेडीए और नगर निगम ने 4 करोड़ का प्रोजेक्ट बनाया। जलेब चौक में विकास कार्य करवाने के लिए इसे स्थानीय स्वायत्त शासन विभाग को हस्तांतरित कर दिया गया। 2007 में आमेर विकास एवं प्रबंधन प्राधिकरण (एडमा) को जलेब चौक में विकास कार्य का जिम्मा सौंपा गया। एडमा ने 2008—09 से लेकर 2011—12 तक 4 करोड़ रूपए के विकास कार्य करवा दिए थे। लेकिन यहां पर हुए विकास कार्य अब कहीं नजर नहीं आ रहे।
जानकारी के मुताबिक जलेब चौक में 2008 से 2012 तक 4 करोड़ रूपए के विकास कार्य हो चुके हैं। लेकिन हकीकत में जलेब चौक आज भी खण्डहर हालत में है। जलेब चौक के छज्जे टूटे पड़े हैं, तो रियासतकालीन बरामदे जर्जर अवस्था में है। जलेब चौक में गंदगी फैली हुई है और बंदर दिनभर धमाचौकड़ी मचाते रहते हैं। जलेब चौक आने वाले पर्यटकों के लिए यहां देखने लायक कोई चीज नहीं है। जलेब चौक की मौजूदा हालात से सवाल उठता है कि आखिर 4 करोड़ रूपए की लागत से यहां क्या काम करवाया गया था। जलेब चौक की हालत देखकर लगता है कि ग्लोबल आर्ट स्क्वायर प्रोजेक्ट के तहत जो काम यहां करवाने के दावे किए गए हैं, वो कागजों में ही हुए हैं। जमीन पर 4 करोड़ तो क्या कुछ लाख के काम भी नजर नहीं आ रहे।
2008—09 101.29 लाख
2009—10 63.84 लाख
2010—11 226.59 लाख
2011—12 27.03 लाख