धरना दे रहे अधिकतर पार्षदों का कहना था कि इसके अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था। जिस कांग्रेस को हम समर्थन देते आ रहे हैं, वहीं हमारी सुनवाई नहीं हो रही थी। इस वजह से हमने इस रास्ते को चुना। वहीं, पार्षद अख्तर हुसैन ने कहा कि एक वर्ष से अधिक बोर्ड बने हो चुका है, लेकिन समितियों के गठन को टाला जा रहा है।
हैरिटेज नगर निगम में बोर्ड बनने के बाद कई बार क्षेत्रीय विधायकों के साथ पार्षदों की बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन हर बार आश्वासन ही मिले हैं। नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल के यहां भी पार्षदों की बात पहुंच चुकी है।