गर्मी की वजह से लॉयन सफारी, चिडिय़ाघर और जैविक उद्यान में आने वाले सैलानियों की संख्या काफी घट गई है।वन विभाग के मुताबिक जहां अमूमन डेढ़ हजार तक सैलानी आते थे। अब उनकी संख्या एक हजार तक ही रह गई। वहीं जैव उदृयान में भी संख्या तीन हजार से सात सौ तक ही रह गई। वहीं वन्यजीवों को गर्मी से राहत देने के लिए कई तरीके अपनाए जा रहे हैं। उनके खानपान में बदलाव किया जा रहा है।
यूं दें रहे गर्मी से राहत इधर वन विभाग वन्यजीवों को गर्मी से राहत देने के लिए जुगत लगा रहा है। उद्यान में जहां फव्वारे से छिड़काव किया जा रहा है। दूसरी एनक्लोजर में कूलर भी लगाए गए है। हालहीं में रेनगन भी लगाई गई है। जिससे प्रेशर से पानी दिया जा रहा है।
ताकि परेशान नहीं हों एसीएफ जगदीश गुप्ता ने बताया कि गर्मी से जानवर परेशान नहीं हों। इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है। बाघ-बाघिन को सुबह साढ़े आठ बजे से 11 बजे तक साथ रखते हैं। फिर एक-एक को बारी बारी से आराम देते है शाम को फिर साथ कर देते हैं। अन्य जानवरों को भी इसी तरह रूटीन बनाया गया है।
ग्लूकोज, आईसक्रीम, तरबूज व ककड़ी वनजीव चिकित्सक अशोक तंवर ने बताया कि बढ़ती गर्मी को देखते हुए डाइट में फेरबदल किया गया है। बाघ रूद्र बाघिन रिद्धि, रम्भा, महक, सीता आदि को ग्लूकोज, मिनरल्स, विटामिन्स तो चीतल, हिरण, बारहसिंघा को ककड़ी-तरबूज व भालू को आइसक्रीम दें रहे है। इनके अलावा मगरमच्छ, घड़ियाल की डाइट को भी बढ़ाया गया है।