राजस्थान में आए दिन सड़के लहूलुहान हो रही है। ओवरटेक, शराब पीकर वाहन चलाने या फिर वाहन की तेज गति हादसों का कारण बन रही है। कहीं शराब के नशे में धुत्त रईसजादे और शराबी चालक तेज स्पीड में वाहनों को चलाकर राहगीरों व दूसरे छोटे वाहनों को कुचल रहे हैं तो कही ड्राइवर की लापरवाही से दुर्घटना हो रही है। इनके अलावा देश व प्रदेश में खराब रोड इंजीनियरिंग भी हादसों का बड़ा कारण बनकर सामने आ रही है। आजकल युवा वर्ग से लेकर हर किसी के लिए स्पीड
फैशन बनती जा रही है। लोगों के लिए जान की कीमत इतनी सस्ती हो गई है कि वह इन हादसों के बाद भी सबक नहीं लेते, कई बार तो ये हादसे जिन्दगीभर के लिए जख्म पीडि़त को दे जाते है। दूसरी तरफ जितने भी सड़क हादसे होते है उनमें से ज्याजातर की वजह वजह बेलगाम स्पीड़ होती है। तेज गति से वाहन चलाने के दौरान ओवरटेक की स्थिति में सामने से दूसरा वाहन आ जाता है तो अक्सर ड्राइवर वाहन पर से अपना नियंत्रण खो देता है और हादसा हो जाता है।
राजधानी
जयपुर में औसतन प्रतिदिन दो से तीन काल के ग्रास बन रहे हैं। केन्द्र सरकार के सड़क परिवहन मंत्रालय की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार जयपुर समेत राजस्थान की सड़कें सुरक्षित नहीं है। रिपोर्ट के मुताबिक सड़क हादसों के मामलों में राजस्थान का देश में आठवां तथा इन हादसों में मरने वालों की संख्या के लिहाज से पांचवें स्थान पर है। केन्द्र सरकार की रिपोर्ट बताती है कि देश में जितने भी सड़क हादसें हुए हैं उनमें से 77 फीसदी मामलों में ड्राइवर की गलती या लापरवाही सबसे बड़ी वजह रही है। देशभर का आंकड़ा देखें तो पिछले साल कुल 1,50,785 लोग सड़क हादसों के कारण मौत का शिकार बने, जबकि 4,94,624 लोग हादसों में जख्मी हुए। प्रतिदिन 500 से अधिक बच्चे सड़क दुर्घटनाओं में जान गंवा बैठते हैं।
राजस्थान के बड़े सड़क हादसे – राजस्थान के चूरू में दुर्घटना से 35 बच्चे घायल – राजस्थान के चूरू के पास इसी साल जनवरी में राजलदेसर में निजी स्कूल की बस पलट जाने से करीब ३५ बच्चे घायल हो गए हैं। इस घटना में भी बेहद लापरवाही का मामला सामने आया था। बताया जाता है कि इस बस को ड्राइवर की जगह स्कूल का एक टीचर चला रहा था। यह राजलदेसर में दसेसूसर रोड़ की घटना थी।
उदयपुर बस हादसे में 9 की मौत 25 घायल – वहीं जुलाई में अहमदाबाद से उदयपुर की ओर आ रही निजी बस पलटने से भयानक हादसा होने की खबर है। हादसे में नौ लोगों की मौत हो गई जबकि दो दर्जन से अधिक लोग गंभीर रुप से घायल हो गए। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार हादसा गोवर्धन विलास थाना क्षेत्र में हुआ। हादसे का कारण बस की रफ्तार भी अधिक बताई जा रही थी।
बीकानेर में बस और पिकअप वैन में टक्कर – हाल ही में नवंबर में सुजानगढ़ रोड पर एक बस और पिकअप वैन में जबरदस्त भिड़ंत हो गई। इस हादसे में पिकअप वैन में सवार 9 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 21 अन्य लोग घायल हो गए। हादसा इतना भयानक था कि एक शख्स का सिर ही धड़ से कटकर अलग हो गया। चश्मदीदों का कहना था कि बस एक ट्रैक्टर को ओवरटेक कर रही थी कि सामने पिकअप वैन आ गई जिससे दोनों में जबरदस्त भिड़ंत हो गई। पुलिस के मुताबिक, छह लोगों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।
जैसलमेर में बस हादसा –हाल ही में दिसंबर में जैसलमेर के लाठी थाना क्षेत्र में तेज गति से जा रही एक बस घुमाव पर पहुंचते ही पलट गई, जिससे बस में सवार एक महिला सहित तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि सात अन्य घायल हो गए
नदी में गिरी स्कूल बस, 50 बच्चे घायल – वहीं अगस्त 2016 में राजस्थान में भीलवाडा जिले के बिजौलिया क्षेत्र में एक स्कूली बस पलकी नदी में गिर गई। आस-पास के ग्रामीणों ने बस के शीशे तोड़कर सभी बच्चों को सुरक्षित नदी से बाहर निकाल लिया। हादसे में बच्चों को मामूली चोटें आई थी हालांकि बस में सवार करीब 50 बच्चों को सुरक्षित निकाल लिया गया था।
दस साल पहले इसी तरह मरे थे 26 लोग दुब्बी पुलिया पर हुए इस हादसा स्थल से करीब दस किलोमीटर दूरी मोरेल पुलिया पर भी करीब दस साल पहले इसी तरह से हादसा हुआ था। भूसे से भरे एक ओवरलोड़ जुगाड को ओवरटेक करने के चक्कर में एक विडियोकोच बस नदी में जा गिरी थी। हादसे में 26 जानें गई थी। मृतक झालावाड़ के एक टीचर ट्रेनिंग कॉलेज के छात्र थे।