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जयपुर

विदेश से आई एचआईवी पेशेंट, की सफल नी रिप्लेसमेंट सर्जरी

विदेश से आई एक मरीज को कई तरह की समस्याएं थीं। घुटने में दर्द की समस्या, अत्यधिक बढ़ा वजन और उसके अलावा वह एचआईवी पॉजीटिव थी। जयपुर में वे एक घुटने की रिप्लेसमेंट सर्जरी करा चुकी थी। एड्स के कारण लो इम्यूनिटी होने से कई दूसरे संक्रमण मरीज को घेर लेते हैं। कई अन्य परेशानियां झेलनी पड़ती है।

जयपुरMay 25, 2022 / 12:09 am

Gaurav Mayank

विदेश से आई एचआईवी पेशेंट, की सफल नी रिप्लेसमेंट सर्जरी

विदेश से आई एचआईवी पेशेंट, की सफल नी रिप्लेसमेंट सर्जरी

जयपुर। जयपुर में बढ़ती चिकित्सा सुविधाओं को लेकर न केवल देश-प्रदेश बल्कि सात समंदर पार से भी आने वाले मरीजों की संख्या बढ़ गई है। गुलाबी नगर के चिकित्सकों पर ऐसा विश्वास जम गया है कि मरीज विदेशों (patient overseas) से यहां केवल उपचार करवाने भी आने लगे हैं। इसी तरह का एक नी रिप्लेसमेंट (knee replacement) का मामला शहर के रुक्मणी बिरला हॉस्पिटल में सामने आया है।
136 किलो की मरीज

डॉक्टरों के अनुसार यह मामला कई मायनों में खास है। पहली खास बात तो यही है कि मरीज का वजन बहुत ही अधिक है। संभवतया जयपुर में पहली बार 136 किलो की मरीज की नी रिप्लेसमेंट सर्जरी हुई है। यह केस इसीलिए भी खास था, क्योंकि मरीज एचआईवी पॉजिटिव भी थी। ऐसे में उसकी सर्जरी करने में बेहद जोखिम था। हॉस्पिटल के सीनियर जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जन डॉ. आशीष शर्मा ने यह जटिल सर्जरी की।
लो इम्यूनिटी होने से कई दूसरे संक्रमण मरीज को घेर लेते

डॉ. शर्मा ने बताया कि विदेश से आई एक मरीज को कई तरह की समस्याएं थीं। घुटने में दर्द की समस्या, अत्यधिक बढ़ा वजन और उसके अलावा वह एचआईवी पॉजीटिव थी। जयपुर में वे एक घुटने की रिप्लेसमेंट सर्जरी करा चुकी थी। एड्स के कारण लो इम्यूनिटी होने से कई दूसरे संक्रमण मरीज को घेर लेते हैं। कई अन्य परेशानियां झेलनी पड़ती है। पेशेंट््स की स्क्रीनिंग करते समय अधिक एहतियात बरतने पड़ते हैं। इन मरीजों को बाद में भी संक्रमण होने का खतरा अधिक रहता है। ऐसे मरीजों का उपचार करते समय चिकित्सकों, नर्सिंग स्टॉफ और पैरामेडिकल स्टाफ को बचाव करना भी जरूरी है।
ऐसे में सावधानी बरतनी जरूरी हो जाती है। इसमें अगर किसी को यह संक्रमण हो जाता है तो इसका उपचार लंबा और बहुत स्लो होता है, जो अंत में बहुत अच्छे परिणाम देने वाला नहीं होता है। कोरोना की तरह ही ऐसे मरीजों का उपचार करते समय पीपीई किट और अन्य कई तरह की सावधानियां भी रखनी होती हैं।

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