सभी 166 बाल श्रमिकों को छह सदस्यीय टीम के साथ भेजा गया है। इसके अलावा बच्चों की सुरक्षा के लिए 12 चालानी गार्ड भी भेजे गए हैं। ये सभी बच्चों को सुरक्षित लेकर बिहार सरकार के सुपुर्द करेंगे। इस टीम के प्रभारी जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक अश्विनी शर्मा है। समिति के अध्यक्ष नरेंद्र सिखवाल ने बताया कि बालश्रमिकों के उचित पुनर्वास व सरकारी योजनाओं से इन्हें लाभ दिलाने के लिए सभी बच्चों का पूरा रिकॉर्ड डिजीटल भी कर दिया गया है। ये रिकॉर्ड बिहार सरकार के श्रम विभाग व सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधिकारियों के सुपुर्द कर दिया जाएगा।
ऑपरेशन मुस्कान के तहत छुड़ाए गए बच्चे
पुलिस और मानव तस्करी विरोधी यूनिट की ओर से सितम्बर में एक माह का ऑपरेशन मुस्कान चलाकर इन बच्चों को मुक्त करवाया गया। छुड़ाए गए मासूमों ने काउंसलिंग के दौरान दर्द बयां किया था। इन मासूमों से 18 घंटे तक काम करवाया गया। एक वक्त का भोजन दिया जाता था। यदि घर जाने की जिद करते तो इन्हें बुरी तरह से पीटा जाता था। ये मासूम चूड़ी कारखानों, ईंट के भट्टों, आरीतारी व गोटा पत्ती के काम करते हुए मुक्त कराए गए थे। विभागीय पूरी कार्रवाई नहीं होने के चलते इन मासूमों को बाल गृह में रखा गया था।