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जयपुर

चीन की चालाकी, जयपुर में नहीं आने दी 40 इलेक्ट्रिक बसें, कैसे अंजाम दी ये करतूत जानिए

– जयपुर में टाटा कंपनी की इलेक्ट्रिक बसों को चीन की कंपनियों ने चलने से रोका
 

जयपुरSep 27, 2019 / 01:06 pm

Pawan kumar

jaipur city

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जयपुर। केन्द्र सरकार ने गुलाबी नगर जयपुर को 40 इलेक्ट्रिक बसों की सौगात दी, लेकिन चीन की कंपनी की चालाकी के कारण जयपुर को ये बसें नहीं मिल पाई। चीन की दो कंपनियों ने टाटा कंपनी को जयपुर में इलेक्ट्रिक बसें चलाने से रोकने के लिए राजस्थान हाईकोर्ट का सहारा लिया। चीन की दो कंपनियों ने जयपुर में 40 इलेक्ट्रिक बसें चलाने की प्रक्रिया में तकनीकी बिड में अयोग्य घोषित होने के बाद जयपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड (जेसीटीएसएल) की निविदा को हाइकोर्ट में चुनौती दे दी। इसके कारण जेसीटीएसएल टाटा कंपनी को इलेक्ट्रिक बसें चलाने का टेंडर दे नहीं सका। हाइकोर्ट में मामले की सुनवाई के कारण जेसीटीएसएल इलेक्ट्रिक बसें चलाने के कार्यादेश टाटा कंपनी को नहीं दे सका, सुनवाई लम्बी चलने के कारण निविदा की समयावधि पूरी हो गई और केन्द्र सरकार से मिलने वाला पैसा लैप्स हो गया। केन्द्र सरकार की योजना का पैसा लैप्स होते ही चीन की कंपनियों ने केस वापस ले लिया।
जानकारी के अनुसार केन्द्र सरकार की शहरों में इलेक्ट्रिक बस चलाने की योजना के फेज—1 में जयपुर में 40 इलेक्ट्रिक बसें चलानी थी। यह प्रोजेक्ट एशिया विकास बैंक (एडीबी) से वित्त पोषित था। प्रोजेक्ट में प्रति बस 75 लाख रूपए की राशि स्वीकृत की गई। जेसीटीएसएल ने इसके लिए ग्लोबल टेंडर कर त्रजारी किए। जेसीटीएसएल ने 40 इलेक्ट्रिक बसें खरीदने के लिए वाहन निर्माता कंपनियों से प्रस्ताव मांगे। चीन की चाइना की माइत्रा फोर एनर्जी और गोल्ड स्टोन कंपनियों ने प्रस्ताव दिए। जबकि भारतीय कंपनियों में अशोक लीलेंड और टाटा ने प्रपोजल दिए। चाइनीज कंपनियों ने एक इलेक्ट्रिक बस की कीमत 1.50 करोड़ से 1.82 करोड़ रूपए बताई। वहीं, अशोक लीलेंड ने भी एक बस 1.50 करोड़ रूपए में उपलब्ध करवाने का प्रस्ताव दिया। जबकि सबसे कम टाटा ने 75 लाख रूपए में बस मुहैया करवाने का प्रस्ताव दिया। सबसे कम कीमत के कारण जेसीटीएसएल ने टाटा के साथ करार कर लिया। ज्यादा कीमत और अन्य तकनीकी कारणों के चलते चाइनीज कंपनियां टेक्निकल बिड के स्तर पर ही बाहर हो गई। टेंडर नहीं मिलने से हताश चाइनीज कंपनियों ने जेसीटीएसएल के फैसले को कोर्ट में चुनौती दे दी।
ये बताई थी इलेक्ट्रिक बसों की खासियत
टाटा की 35 सीटर इलेक्ट्रिक बस एक बार में एसी के साथ 100 किलोमीटर चल सकती है। बस रिचार्ज होने में 5—6 घंटे का वक्त लगता है। बस अधिकतम 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकती। इस इलेक्ट्रिक बस का ट्रायल हिमाचल के परवानू से शिमला के बीच हुआ। जिसमें बस ने 160 किलोमीटर की दूरी सफलतापूवर्क पूरी कर ली। वहीं, चाइनीज कंपनी गोल्ड स्टोन ने डेढ़ करोड़ रूपए में जो बस मुहैया करवाने का प्रस्ताव दिया था, वो 26 सीटर इलेक्ट्रिक बस एक बार चार्ज करने पर 200 किमी चलती है। इसे रिचार्ज करने में 4 घंटे का समय लगता है। वहीं, लीलेंड की 35 से 65 सीटर बस एक बार चार्ज करने पर 120 किमी चलेगी। इसकी कीमत 1.50 करोड़ से 3.50 करोड़ रूपए तक थी।
क्या बोले जिम्मेदार –

चीन की दो कंपनियों ने टेंडर प्रक्रिया को हाइकोर्ट में चुनौती दी थी। इस कारण टाटा कंपनी को कार्यादेश जारी नहीं हो पाए। निविदा की समयावधि पूरी होने के कारण केन्द्र सरकार से मिलने वाली राशि लैप्स हो गई। चीन की कंपनियों के अंड़गें के कारण जयपुर को 40 इलेक्ट्रिक बसें नहीं मिल पाई।
कैलाश वर्मा, वित्त सलाहकार, जेसीटीएसएल (हाल ही में इनका तबादला हुआ है)

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