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जयपुर

विदेशों से तस्करी का बड़ा खेल: भारत में 5 लाख में मिल रही 15 लाख की सुपर बाइक

सम्पन्न वर्ग के युवाओं के शौक का फायदा उठाकर देश में इंपोर्टेड सुपर बाइक्स की तस्करी का बड़ा खेल चल रहा है।

जयपुरDec 17, 2017 / 10:24 am

santosh

super bike
जयपुर। सम्पन्न वर्ग के युवाओं के शौक का फायदा उठाकर देश में इंपोर्टेड सुपर बाइक्स की तस्करी का बड़ा खेल चल रहा है। पिछले 5 साल में देश में कई विदेशी बाइक कंपनियों ने अपने आउटलेट और मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स खोले हैं लेकिन विदेश से इंपोर्ट होने वाली सुपर बाइक्स की खरीद-फरोख्त में कोई कमी नहीं आई है। क्योंकि इंपोर्ट कर लाई गई सुपर बाइक सभी ड्यूटी और टैक्स भरने के बाद भी काफी महंगी पड़ती है। इसकी प्रक्रिया में काफी परेशानी भी उठानी पड़ती है। ऐसे में कई लोग इसे सस्ते दाम पर मंगवाने और टैक्स से बचने के अवैध रास्ते निकाल लिए हैं। जबकि ऐसी बाइक्स खरीदने वाले कभी भी इसके वैध मालिक नहीं होते। पकड़े जाने पर उन्हें ड्यूटी और पैनल्टी के रूप में बड़ी रकम देनी पड़ती है।
दो तरीकों से चलता है यह खेल

1. टुकड़ों में आती है मोटरसाइकिल
मुंबई, बेंगलूरु, पुणे और नासिक के कई सुपर बाइक मैकेनिक्स ने 2002 के बाद से इंपोर्टेड मोटरसाइकिल को देश में मंगवाने का एक नया तरीका अपनाया। इसके जरिए ड्यूटी से बचा जा सकता था और फर्जी कागजात तैयार किए जा सकते थे।
– मोटरसाइकिल के इंजन के एक एक पुर्जे को स्पेयर्स के तौर पर कंटेनर्स के जरिए मंगवाया जाता था। साथ ही टायर्स व अन्य पार्ट्स भी ऐसे ही भारत तक पहुंचते थे।

– क्योंकि चेसी स्पेयर पार्ट्स में नहीं आती है, इसलिए विदेश से इसे किसी पुरानी गाड़ी के लिए दिखा कर या फिर वहां मौजूद किसी पुरानी गाड़ी की चेसी को अवैध तरीके से यहां तक मंगवाया जाता है।
– इन सभी पार्ट्स को एक बंदरगाह पर नहीं मंगवा कर अलग अगल जगह मंगवाया जाता था। उदाहरण के लिए गाड़ी के टायर्स को कोलकाता, इंजन पार्ट्स को गुजरात व अन्य को मुंबई उतरवाया जाता था।
– इसके बाद यहां पर स्पेयर्स की मदद से गाड़ी को तैयार कर लिया जाता था। बाद में इस गाड़ी पर यहीं की किसी ऐसी पुरानी गाड़ी के नंबर लगा दिए जाते हैं जो अब चलने योग्य ना हो या फिर उसे पूरी तरह से खत्म कर दिया जाता था।
– ऐसा करने से कस्टम ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन के भारी खर्च को बचा लिया जाता है। लेकिन इस तरह की सुपर बाइक्स पूरी तरह से अवैध होती हैं।


2. कस्टम ड्यूटी तो दी लेकिन रजिस्ट्रेशन नहीं
– 2012 में जब केंद्र सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया और स्पेयर्स के जरिए यहां तैयार अवैध सुपरबाइक्स को सीज करना शुरू किया तो लोगों ने इसे देश में मंगाने का नया जरिया अपनाया।
– सैकेंड हैंड या नई सुपरबाइक्स को विदेशों में खरीद कर भारत मंगवाया जाता था और फिर कस्टम ड्यूटी चुका दी जाती है।
– इसके बाद उसी पुराने तरीके से इन बाइक्स पर किसी अन्य वाहन का नया रजिस्ट्रेशन लगा दिया जाता है।
– ऐसी मोटरसाइकिलों पर रजिस्ट्रेशन और रोड टैक्स नहीं दिया जाता। इसके चलते इनकी कीमत में काफी फर्क आ जाता है।


जब वही बाइक यहां मौजूद तो फिर अवैध क्यों मंगाई?
भारत में बिकने वाली वैध सुपर बाइक्स और बाहर से मंगवाई जाने वाली अवैध मोटरसाइकिलों की कीमत में काफी अंतर आ जाता है। विदेशों में मिलने वाली मोटरसाइकिलों की कीमत काफी कम होती है लेकिन जब उस मोटरसाइकिल को भारत मंगवाया जाता है तो काफी महंगी हो जाती है।
ज्यादातर विदेशी कंपनियों की भारत में असेंबलिंग यूनिट हैं, मैन्यूफैक्चरिंग नहीं। ऐसे में यदि किसी विदेशी मोटरसाइकिल के आउटलेट से खरीद की जाए तो वह अवैध बाइक के मुकाबले काफी कम होती है।

उदाहरण के लिए
भारत में मोटरसाइकिल की कीमत
700000
अमरीका या लंदन में कीमत
400000
(अनुमानित)

ग्रे मार्केट में इनकी मांग ज्यादा
1. कावासाकी निंजा 1000आर

2. होंडा सीबीआर रेप्सॉल स्पेशल एडिशन
3. सुजुकी हायाबूसा

4. यामाहा आर1
5. केटीएम 600
6. होंडा वीएफआर 700
7. होंडा सीबीआर
2012 से पहले के मॉडल
ग्रे मार्केट में मिलने वाली ऐसी अवैध मोटरसाइकिल ज्यादातर 2012 से पहले के एडिशन की होती हैं। इन मोटरसाइकिलों के स्पेयर्स पहले ही इंपोर्ट करवा कर कुछ मैकेनिक्स ने रख लिए हैं और समय-समय पर इनको ये तैयार कर बेचते हैं।
गे्र मार्केट में कीमत
कहने को तो इस बाजार में गाडिय़ों की कोई निर्धारित कीमत नहीं होती है लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ग्रे मार्केट की नई सुपर बाइक्स 4 से 15 लाख के बीच और सैकेंड हैंड 2 से 8 लाख के बीच मिल जाती हैं।
सोशल नेटवर्किंग से होती डील
ज्यादातर सुपर बाइक्स की डील के लिए इन दिनों ग्रे मार्केट के डीलर सोशल नेटवर्किंग के जरिए संपर्क में रहते हैं। इनको इस जरिए मोनिटर करना आसान नहीं होता जिससे यह बचे रहते हैं।
कितनी हैं ऐसी मोटरसाइकिलें
वैसे तो इन मोटरसाइकिलों की सही संख्या उपलब्ध नहीं है लेकिन सूत्र बताते हैं कि 5 हजार से ज्यादा ऐसी सुपर बाइक्स देश में मौजूद हैं। वहीं यदि जयपुर की बात की जाए तो यहां पर ग्रे मार्केट से खरीदी गई सुपर बाइक्स की संख्या 100 के करीब है।
कितनी ड्यूटी-टैक्स
किसी अन्य देश से नई सुपर बाइक को इंपोर्ट करवाने पर भारत में 88 प्रतिशत और सैकेंड हैंड पर 142.88 प्रतिशत कस्टम ड्यूटी देनी पड़ती है। वहीं राज्यों के रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन का खर्च अलग। रजिस्ट्रेशन और रोड टैक्स की कीमत हर राज्य में अलग अलग है। वहीं स्पेयर्स पर 30 से 33 प्रतिशत ड्यूटी लगाई जाती है।

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