एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया कि डीपीसी 9 वर्ष से नहीं हुई है। जिससे काफी पद नर्सिंग महाविद्यालयों में खाली चल रहे है। डीपीसी की प्रक्रिया नहीं होने से नर्सिंग ट्यूटर्स में रोष व्याप्त है। इसलिए मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर शीघ्र डीपीसी करवाने की मांग की है।
एसोसिएशन के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि वर्ष 2013 के बाद अभी तक एक बार भी वाइस प्रिंसिपल के पदों पर डीपीसी नहीं होने से यह पद रिक्त चल रहे हैं। साथ ही बिना पदोन्नति के ही नर्सिंग ट्यूटर्स सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
सरकार कर्मचारियों के पदोन्नति के पद रिक्त नहीं रहे इस लिए वर्ष में दो बार डीपीसी करने के विभागों को निर्देश जारी कर चुकी है। लेकिन चिकित्सा विभाग में कई वर्षों से भी डीपीसी नहीं होना सरकार के आदेशों की अवहेलना है। जिसका नर्सिंग कर्मचारी विरोध करते है।
हालांकि इससे पहले दी नर्सिंग टीचर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने भी राजस्थान में बिना स्थाई शिक्षकों के चल रहे नर्सिंग महाविद्यालयों में स्थाई शिक्षक नहीं होने पर चिंता जताई हैं। एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि स्थाई शिक्षक नहीं होने से महाविद्यालयों में पढ़ रहे नर्सिंग प्रशिक्षणार्थियों की गुणवत्ता पर भी असर पड़ रहा हैं।
एसोसिएशन के पद्रेशाध्यक्ष पुरुषोत्तम कुंभज ने कहा कि नर्सिंग की उच्च शिक्षा में वर्तमान में सरकारी नर्सिंग महाविद्यालयों मे बिना स्थाई शिक्षकों के साढ़े चार हजार प्रशिक्षणार्थियों को शिक्षा दी जा रही हैं। जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में गिरावट आ रही है।