लेटलतीफी पड़ ना जाए भारी, चार महीने में कैसे संवारेंगे वैलनेस सेंटर
हैल्थ एंड वैलनेस सेंटर्स, जनवरी से पहले करनी होगी भर्ती पूरी, अभी तक प्रक्रिया ही शुरू नहीं
जयपुर•Nov 15, 2019 / 01:51 am•
Ankit
लेटलतीफी पड़ ना जाए भारी, चार महीने में कैसे संवारेंगे वैलनेस सेंटर
जयपुर. प्रदेश में हैल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स के संचालन में फिसड्डी रहे राजस्थान को समय पर तय शर्तें पूरी नहीं करने पर नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। भारत सरकार की ओर से प्रदेश के राष्ट्रीय एवं स्वास्थ्य मिशन के लिए इस वर्ष जारी की गई वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति के साथ ही शर्तें भी जोड़ी गई हैं। जिसके अनुसार राज्य में कुल 30 प्रतिशत उप स्वास्थ्य केन्द्रों एवं शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को इस वित्तीय वर्ष मार्च 2020 से पहले हैल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स के रूप में संचालित किया जाना है। इस अवधि में यह काम पूरा होने पर 20 प्रतिशत इंसेटिव और ऐसा नहीं कर पाने पर 20 प्रतिशत पेनल्टी का प्रावधान भी है।
उपरोक्त टाइम लाइन के अनुसार ही भारत सरकार ने चुनाव आचार संहिता होने के बावजूद भी चुनाव आयोग से स्वीकृति जारी कर राज्यों को तय समय सीमा में कम्युनिटी हैल्थ ऑफिसर की भर्ती पूरी करने के निर्देश दिए थे। उक्त हैल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स को संचालित करने के लिए कम्युनिटी हैल्थ ऑफिसर के 2500 पदों पर इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी के माध्यम से यह भर्ती की जानी थी। अभ्यार्थियों के चयन के पश्चात यूनिवर्सिटी के माध्यम से इन्हें छह माह का ब्रिज कोर्स करवाया जाता है, उसके बाद ही इन्हें वैलनेस सेंटर्स पर नियुक्त किया जाता है। यह कोर्स इग्नू की ओर से चिन्हित केंद्रों पर वर्ष में दो बार एक जुलाई से 31 दिसंबर और दूसरा 1 जनवरी से 30 जून तक कराया जाता है। लेकिन इस वित्तीय वर्ष में समय पर भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है और अब ट्रेनिंग किया जाना भी चुनौती भरा है। ऐसे में एनएचएम के भारत सरकार की ओर से स्वीकृत प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटेशन प्लान अनुसार हैल्थ एंड वैलनेस सेंटर्स को शुरू करने में मुश्किल खड़ी हो गई है।
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