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जयपुर

एचआरडी मंत्रालय एमफिल-पीएचडी छात्रों पर लेगा निर्णय

कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए पूरे देश में लॉकडाउन है। लाइब्रेरी और प्रयोगशालाएं बंद हैं और शोध कार्य ठप हैं। इससे पीएचडी, एमफिल के छात्र प्रभावित हुए हैं। इन छात्रों को थीसिस जमा करने का संकट सता रहा है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय जल्द छात्रों को राहत दे सकता है।

जयपुरApr 09, 2020 / 05:27 pm

Bhagwan

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नई दिल्ली. कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए पूरे देश में लॉकडाउन है। लाइब्रेरी और प्रयोगशालाएं बंद हैं और शोध कार्य ठप हैं। इससे पीएचडी, एमफिल के छात्र प्रभावित हुए हैं। इन छात्रों को थीसिस जमा करने का संकट सता रहा है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय जल्द छात्रों को राहत दे सकता है। सूत्रों के मुताबिक, इसे लेकर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने विशेषज्ञ समिति गठित की है। प्रो.आरसी कुहाड़ की अध्यक्षता में गठित समिति लंबित परीक्षाओं को दोबारा कराने और 2020-21 का शैक्षिक सत्र को लेकर मंत्रालय को सलाह देगी। समिति 13 अप्रे्रल को सिफारिशें देगी। यूजीसी के नियमों के मुताबिक दिल्ली विवि में डिग्री लेने के लिए शोधार्थियों को थीसिस मार्च और अप्रेल में जमा करना होता है। लेकिन लॉकडाउन की वजह से वह ऐसा नहीं कर पाए। केंद्रीय विश्वविद्यालय शिक्षक परिसंघ ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय से मांग की थी कि ऐसी परिस्थितियों में विभिन्न विश्वविद्यालयों में अध्ययन कर रहे सभी शोधार्थियों को थीसिस जमा करने के लिए और 6 महीने का समय दिया जाए।

छात्रों को ये आ रही परेशानियां


शोधार्थी छात्रों का कहना है कि रिसर्च के लिए लाइब्रेरी सबसे जरूरी होती है। लाइब्रेरी बंद होने की वजह से रिसर्च काम रुक गया है। साथ ही रिसर्च की सामग्री ऑनलाइन भी सही तरह से उपलब्ध नहीं है। नेशनल आर्काइव व दिल्ली राज्य आर्काइव ने अपने सभी रिकॉर्ड को डिजिटल नहीं किया है। यही नहीं, जिन छात्रों ने थीसिस का काम पूरा भी कर लिया है तो उनको पूरे डॉक्यूमेंट का प्रिंट लेना होगा और इसकी कई प्रतियां बनानी होगी। इसके लिए प्रिंटर मशीन होनी चाहिए।

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