गौरतलब है कि श्यामनगर पुलिस थाने में 14 सितम्बर को एक मामला दर्ज हुआ था। एक दम्पती के चंगुल से छूटकर चाइल्ड लाइन संस्था के पास पहुंची 15 वर्षीय किशोरी ने बताया था कि वह गुवाहाटी की रहने वाली है। छह साल पहले उसके समेत 17 बच्चों को रणजीत नामक व्यक्ति जयपुर में अच्छी पढ़ाई का झांसा देकर लाया था। यहां उसे श्यामनगर में एक दम्पती को बेच गया। दम्पती उसे बंधुआ मजदूर की तरह लगातार 15-16 घंटे काम कराते थे। घर पर बात तक नहीं करने देते थे। इस पर गत शुक्रवार को पुलिस ने आरोपी रणजीत को पकड़ा और खुलासा किया था कि वह मानव तस्करी में लिप्त है।
इसी तरह शाहपुरा क्षेत्र से हाल ही असम की एक किशोरी को मुक्त कराया गया था। उसे भी बंधक बनाकर काम कराया जा रहा था। वहीं, सांगानेर में 15 अप्रेल को हैंडीक्राफ्ट कम्पनी में कशीदाकारी का काम कर रहे 5 बच्चों को चाइल्ड लाइन संस्था ने पुलिस की मदद से मुक्त कराया था। पूछताछ में बच्चों ने बताया था कि उन्हें जयपुर में अच्छी पढ़ाई कराने का झांसा देकर बिहार से लाया गया था। यहां एक कमरे में बंधक बनाकर फैक्ट्री में सुबह 8 से रात 9 बजे तक काम कराया जा रहा था। सभी बच्चों की उम्र 15 वर्ष से कम थी।
75 प्रतिशत बच्चे झांसा दे बिहार से लाए जा रहे हैं मजदूरी के लिए 1582 मुक्त कराए सीडब्लूसी के अनुसार 2014 से 16 तक 29 अगस्त 18 तक 2500 बच्चे मुक्त कराकर भेजे गए बिहार